- मुख्य सचिव ने प्रवेश उत्सव के लिए जारी किए निर्देश
- 30 को सम्मानित होंगे मेधावी
- निजी स्कूलों की तरह बच्चों के क्लिक होंगे कक्षावार फोटो
बरेली। जिले के सभी बेसिक स्कूलों में मार्च को प्रवेश उत्सव मनाया जाएगा। इस दिन निजी स्कूलों की तरह बच्चों के कक्षावार ग्रुप फोटो खींचे जाएंगे। साथ ही मेधावी छात्रों और शिक्षकों के साथ ही रसोइयों का भी सम्मान किया जाएगा। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने प्रवेश उत्सव के लिए निर्देश जारी किए हैं। निर्देशानुसार, इस दिन स्कूल में मौजूद सभी बच्चों के कक्षावार फोटो लिए जाएंगे। इसमें शिक्षक, अभिभावक, विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों के साथ प्रधान को भी शामिल किया जाएगा। इन सभी फोटोग्राफ के एलबल तैयार किए जाएंगे। साथ ही इनके पोस्टर बनाकर स्कूल में लगाने के निर्देश दिए गए हैं। 30 मार्च को ही मेधावी और नियमित स्कूल आने वाले बच्चों को भी पुरस्कृत किया जाएगा। इसके साथ ही साल भर अच्छा प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों, स्कूल के कामकाज में सहयोग करने वाले स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों और मिड डे मील बनाने वाले रसोइयों को भी सम्मानित किया जाएगा। सभी जिलाधिकारियों, तहसील, ब्लॉक स्तर अधिकारियों के साथ ही नायब तहसीलदार, सहायक खंड शिक्षा अधिकारी, लेखपाल, ग्राम पंचायत अधिकारियों को किसी न किसी स्कूल में शामिल होने का निर्देश भी दिया गया है।
राज्य परियोजना निदेशक ने स्कूल चलो अभियान के लिए बजट भी जारी कर दिया है। इसमें जनपद स्तर के लिए 25 हजार रुपये प्रति बीआरसी, विकास खंड स्तर के लिए 10 हजार रुपये जारी किए गए हैं।
- स्कूलों में एनजीओ से मिड डे मील बंटवाने की तैयारी
बरेली। शिक्षा विभाग ने अब स्कूलों में मिड डे मील का वितरण एनजीओ के माध्यम से कराने की तैयारी कर ली है। माना जा रहा है कि नए सत्र ऑसे इस योजना पर अमल किया जा सकता है। मिड डे मील योजना के तहत बरेली के नगरीय क्षेत्र के स्कूलों और कस्तूरबा स्कूलों में एनजीओ के माध्यम से खाना पहुंचाया जाता है। वहीं, अन्य सभी स्कूलों में रसोइयों की मदद से खाना बनवाया जाता है। शिक्षक संघ लंबे समय से कह रहा है कि खाना बनवाने में व्यस्त रहने के चलते शिक्षक पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। साथ ही मिड डे मील के चलते प्रधानों से भी विवाद होता रहता है। इस पर शासन ने पिछले वर्ष लखनऊ में अक्षयपात्र संस्था के जरिये एमडीएम वितरण शुरू कराया था। अब इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू करने पर विचार हो रहा है। बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन के आदेश के बाद हर जिले में ऐसी एनजीओ की खोज शुरू हो गई है।
खबर साभार : अमर उजाला
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