अब परिषदीय स्कूलों के छात्र-छात्रएं भी सीबीएसई स्कूलों की तर्ज पर प्रोजेक्टर और लैपटाप पर पढ़ते नजर आएंगे। बेसिक शिक्षा विभाग के कुछ शिक्षकों ने अपने खर्च से स्कूलों में प्रोजेक्टर और लैपटाप की व्यवस्था की है। गुलावठी ब्लाक के कुछ विद्यालयों में लैपटाप और प्रोजेक्टर से बच्चे पढ़ भी रहे हैं। प्रोजेक्टर से पढ़ाने के लिए शिक्षकों को जगह-जगह ट्रेनिंग दी जा रही है। बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति तो दयनीय है, लेकिन विभाग के कुछ शिक्षक गरीब बच्चों के भविष्य को सुधारने की कोशिश में लगे हुए हैं। गुलावठी ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय चिड़ावक में तैनात शिक्षक फिरोज ने अपने पैसे से विद्यालय में प्रोजेक्टर और लैपटाप लगवाया है। उस विद्यालय के बच्चे अन्य विद्यालयों के छात्र-छात्रओं से बहुत एक्सपर्ट हैं। सीबीएसई स्कूलों की तरह विद्यालय का माहौल है। सभी शिक्षक अपने दायित्व को अच्छे से निभा रहे हैं। यह अभियान केवल चिडावक विद्यालय में ही आकर नहीं रुका है। विभाग के वित्त व लेखाधिकारी सूरज कुमार और शिक्षक फिरोज ने शिक्षकों से संपर्क किया है। यह ऐसे शिक्षक हैं, जो पढ़ाई पर विशेष ध्यान देते हैं और राजनीति या अन्य चीजों से इनका कोई लेना देना नहीं है। इन शिक्षकों से गरीब बच्चों के भविष्य को सुधारने के लिए चर्चा की गई। कुछ शिक्षकों ने एकमत होकर संकल्प लिया कि सरकार परिषदीय स्कूलों के गरीब बच्चों को आधुनिक शिक्षा देने के लिए पैसा दे या न दे, लेकिन अपने स्तर से प्रयास किया जाएगा कि अधिकतर विद्यालयों में प्रोजेक्टर और लैपटाप खरीदवाए जाएंगे, जिससे परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले गरीब परिवार के बच्चों को सीबीएसई की तर्ज पर शिक्षा दी जा सके।
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