जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : बेसिक शिक्षा महकमा की लापरवाही के चलते नव नियुक्त शिक्षकों की होली बे-रंग हो गई है। शिक्षकों के प्रमाणपत्रों के सत्यापन न होने से सैलरी का मिलना होली के पर्व पर सपना बन कर रह गया है। हालांकि शिक्षक बेसिक कार्यालय के चक्कर काट कर परेशान घूम रहे हैं। इससे शिक्षकों में काफी आक्रोश पनप रहा है।नव नियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति नवंबर माह में हुई थी। इसमें कुछ ब्लाकों में चार दिन पहले की नियुक्ति देकर गड़बड़झाला कर दिया गया। जिसके संबंध में आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। कुछ ब्लाकों में सरकारी राजकोष को 75 लाख की चपत लगाते हुए 14 नवंबर को अवकाश दिनों में तैनाती दे दी गई थी। वहीं कुछ ब्लाक में 18 नवंबर को नियुक्ति मिली। इससे एक साथ प्रशिक्षण पाने वाले शिक्षकों में जूनियर्टी व सीनियर्टी कायम हो गई। इधर शिक्षकों को सैलरी को लेकर भी काफी परेशानी ङोलनी पड़ी। इस क्रम में निर्देश जारी हुआ कि दो प्रमाणपत्रों के सत्यापन पर सैलरी मिल जाएगी। इस पर शिक्षकों ने बिचौलियों के माध्यम से रुपया एकत्र कर प्रमाणपत्र सत्यापन में शीघ्रता के लिए सौंपा गया। फिर आदेश जारी हुआ कि चारों प्रमाणपत्र वेरीफिकेशन नहीं हुए तो एरियर नहीं बनेगा। इस पर शिक्षकों ने जुगाड़ पद्धति से चारों प्रमाणपत्र सत्यापित करवाए। अब चारों प्रमाणपत्र सत्यापित तो होने के बावजूद शिक्षकों की सूची में नाम नहीं है। बता दें कि डीआइ ऑफिस में 72825 भर्ती में नियुक्त 2400 शिक्षकों की डाक्यूमेंट्स के वेरिफिकेशन की सूची लगी है। इसमें बहुत से शिक्षकों का सूची में नाम ही नदारद है अथवा सिर्फ एक वेरिफिकेशन ही दिखाया गया है। जबकि अधिकांश नव नियुक्त शिक्षकों का कहना है कि उनका सत्यापन दस दिन से पहले ही बेसिक शिक्षा कार्यालय पहुंच गया था। कार्यालय का कोई भी जिम्मेदार शिक्षकों को यह बताने को यह तैयार नहीं कि उनका नाम सूची में क्यों नहीं है? शिक्षिका प्रियंका गोस्वामी, शिव कुमार, अनामिका दीक्षित, पूजा पंकज राठी, दीक्षा आदि शिक्षकों का कहना है कि बताना तो दूर1कोई भी जिम्मेदार लिपिक किसी शिक्षक से तमीज से बात करना भी गवारा नहीं करता है। ऐसी स्थिति में नव नियुक्त शिक्षक कार्यालय में परेशान हाल घूम र हे हैं।
No comments:
Write comments