संसू, दादरी (नोएडा): बिसाहड़ा कांड की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर ग्रामीणों का प्रदेश सरकार से विरोध लगातार तेज हो रहा है। मंगलवार को महिलाओं ने सरकारी स्कूलों पर ताले जड़ दिए। कहा कि न्याय नहीं मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा। वह अपने बच्चों को अनपढ़ देख सकती हैं, लेकिन सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए नहीं भेजेंगी। मांस के टुकड़ों की फोरेसिंक जांच रिपोर्ट का खुलासा और सीबीआइ जांच की मांग पूरी न होने तक पूरा गांव किसी भी तरह की सरकारी सुविधा का लाभ नहीं लेगा। ग्रामीणों ने बुधवार को सपा सरकार का पुतला फूंकने का भी ऐलान किया। वहीं मामले पर कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। बिसाहड़ा कांड में निदरेष लोगों की गिरफ्तारी, सीबीआइ जांच, पुलिसिया उत्पीड़न और एक पक्षीय कार्रवाई समेत कई मुददों को लेकर ग्रामीण लगातार विरोध करते रहे हैं। पिछले दिनो हुई पंचायत में ग्रामीणों ने सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का कोई लाभ न लेने का ऐलान किया था। इसी कड़ी में महिलाओं ने मंगलवार को गांव के प्राइमरी विद्यालय और इंटर कॉलेज पर ताला जड़ते हुए तीनों शिक्षण संस्थाओं के स्टाफ को बाहर कर दिया। ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गांव में दो प्राइमरी विद्यालय व एक इंटर कॉलेज है। ग्रामीणों ने बुधवार को गांव के मुख्य द्वार पर प्रदेश सरकार का पुतला फूंकने का ऐलान किया है। पुतला तैयार कर लिया गया है। ग्रामीणों के इस फैसले से प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं लेकिन अफसर मौन हैं। 28 सितंबर की रात गोहत्या की सूचना पर बिसाहड़ा गांव में इकलाख की पीटकर हत्या कर दी गई थी और उसके बेटे दानिश को अधमरा कर दिया गया था। हत्या के आरोप में गांव के 18 युवक जेल में बंद हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि मामले में प्रदेश सरकार ने एक तरफा कार्रवाई की। पुलिस द्वारा कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में मांस के टुकड़ों का कोई जिक्र तक नहीं किया जबकि पूरी घटना इसी से जुड़ी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सीबीआइ जांच नहीं होती और फोरेसिंक रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाती, विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
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