मैनपुरी : गर्मी की छुट्टियों में परिवार के साथ सैर-सपाटे की योजना बना चुके गुरुजी के लिए बुरी खबर है। बजाय किसी हिल स्टेशन पर मौज-मस्ती के उन्हें तपती दोपहरी में गांव की गलियों में पसीना बहाना होगा। ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान स्कूल छोड़ चुके विद्यार्थियों की सूची हाउस होल्ड सर्वे के माध्यम से एकत्र कर शासन को सूचना उपलब्ध करानी होगी। शासन ने पहले शिक्षा सत्र में परिवर्तन किया और अब शिक्षकों का सिर दर्द बढ़ा दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी कर कहा है कि बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े शिक्षक इस बार गर्मी की छुट्टियों में अवकाश पर नहीं जाएंगे। उन्हें हाउस होल्ड सर्वे के द्वारा स्कूल छोड़ चुके बच्चों की जानकारी जुटानी होगी। हाउस होल्ड सर्वे में सिर्फ कागजी खानापूरी से ही काम नहीं चलेगा। शिक्षकों को तपती दोपहरी में परिषदीय स्कूलों में पढ़ रहे और स्कूल छोड़ चुके बच्चों के घर-घर जाकर उनके अभिभावकों से संपर्क करना होगा। बच्चे ने आखिर स्कूल क्यों छोड़ा, अभिभावकों से इसकी पूरी जानकारी भी लिखित में जुटानी होगी। अगर, विद्यालय की सुविधाओं में कमी और शिक्षण कार्य से खिन्न होकर बच्चे ने विद्यालय आना बंद किया है तो इसका भी स्पष्ट उल्लेख प्रपत्र में करना होगा। नए शिक्षा सत्र में ज्यादा से ज्यादा बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए भी हाउस होल्ड सर्वे को ही आधार बनाया जाएगा। शिक्षकों को अभिभावकों को इस बात का आश्वासन देना होगा कि उनके बच्चों को प्राइवेट स्कूल के जैसी ही शिक्षा परिषदीय स्कूल में भी उपलब्ध कराई जाएगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिकेश यादव का कहना है कि नए शिक्षा सत्र में सभी शिक्षक खेल-खेल के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने की क्षमता विकसित करेंगे। हमारा प्रयास होगा कि परिषदीय स्कूलों के बच्चों को शासन की प्रत्येक सुविधा का लाभ दिलाया जा सके। हाउस होल्ड सर्वे में अभिभावकों से भी सुधार के लिए उनके सुझाव मांगे जाएंगे
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