जासं, सीतापुर : मोअल्लिम-ए-उर्दू डिग्री धारकों ने उर्दू अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में जालसाजों ने नंबर बढ़वाकर मेरिट में स्थान पा लिया है। ऐसे अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र तब तक न जारी किया जाए, जब तक इस मामले की उच्चस्तरीय जांच ने करा ली जाए। विधायक राधेश्याम जायसवाल ने सूबे के बेसिक शिक्षा मंत्री को खत लिखकर कुल प्रकरण की जांच कराने की मांग की है। मामले में दर्जनों अभ्यर्थियों ने भी शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है जिसमें जामिया उर्दू अलीगढ़ पर जालसाजी करने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। मांग पत्र में कहा गया है कि साल 2011 की टीईटी परीक्षा में 1997 से पूर्व के मोअल्लिम वालों को बैठने की अनुमति मिली थी। इसमें बेहद कम मोअल्लिम डिग्री वाले टीईटी उत्तीर्ण कर सके थे। साल 2013 में सात हजार मोअल्लिम उर्दू वाले अभ्यर्थी ही परीक्षा पास कर सके। अगस्त 2013 में 4280 उर्दू अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में तकरीबन 2500 मोअल्लमि डिग्री वालों को नौकरी मिल सकी। चूंकि यह प्रक्रिया शैक्षिक मेरिट के आधार पर की गई इसलिए जालसाजों ने इसका जमकर फायदा उठाया। आरोप है कि जामिया उर्दू अलीगढ़ से अभ्यर्थियों ने नंबर बढ़वा लिए, इसमें प्रयोगात्मक परीक्षा में नंबर बढ़ाए गए। मौजूदा समय में 3500 उर्दू शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है, जिसमें शैक्षिक गुणांक पर मेरिट बनाई जाएगी। आरोप है कि इसका फायदा जामिया उर्दू अलीगढ़ के कर्मचारियों ने उठाया और पैसा लेकर नंबर बढ़ाए गए और फर्जी अंकपत्र जारी कर दिए गए। अभ्यर्थियों ने शिक्षामंत्री से मांग की है कि दिल्ली सरकार के कानून मंत्री रहे जितेंद्र सिंह की तरह फर्जी डिग्री प्रकरण की तरह मामले की जांच कराएं। जिससे एक बड़ा रैकेट का खुलासा हो सके
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