मिड-डे मील आवंटन को लेकर लगातार विवाद रहता है। हर दिन वरिष्ठ अधिकारियों को मील की गुणवत्ता की शिकायतें रहती हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए प्रशासन जल्द ही गांव के प्रधानों की सहमति के बाद नये सत्र से ग्राम शिक्षा समिति की देख-रेख में मिड डे मील बंटवाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग को गांव के प्रधानों की सहमति का इंतजार है। पिछले कई वर्षों से मिड-डे मील एनजीओ द्वारा बांटा जा रहा है। हमेशा इसकी गुणवत्ता पर सवालिया निशान लगते रहे हैं। इनसे अधिकारियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। पिछले वर्ष जनपद के कई गांवों के प्रधानों ने स्वयं ही मिड डे मील बांटने की प्रशासन से मांग की थी। लेकिन सभी की सहमति न होने के कारण यह योजना नहीं चल पाई। इस सत्र में भी मिड-डे मील बांटने वाले एनजीओ के संबंध में लगातार शिकायतें होती रहीं। कई बार तो गुणवत्ता को लेकर हंगामा किया गया। इसके बाद प्रशासन ने मील की जांच के लिए कई बार नमूने भरे थे और कुछ स्थानों पर लोगों का आरोप सही भी साबित हुआ था। इसमें शिक्षक को निलंबित करने व एनजीओ को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ था। इन्हीं सभी समस्याओं को देखते हुए प्रशासन ने इस सत्र में ग्राम शिक्षा समिति के अंतर्गत गांव के प्रधानों की देखरेख में मिड डे मील बांटने की योजना तैयार की है। जिलाधिकारी अनिल ढींगरा का कहना है कि मिड डे मील के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतने दी जायेगी। आगामी सत्र में गांव के प्रधानों की देखरेख में मिड डे मील वितरण किये जाने का प्रस्ताव है। बेसिक शिक्षा अधिकारी एमपी वर्मा ने बताया कि जनपद के समस्त गांव की ग्राम शिक्षा समिति को सहमति व असहमति पत्र जारी किया गया है। समिति द्वारा असहमति मिलती है तो आगे विद्यालय प्रबंध समिति को पत्र भेजा जायेगा। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार नगर क्षेत्र में भी वार्ड शिक्षा समिति को पत्र भेजे गये हैं।
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