बिजनौर : परिषदीय स्कूलों में चल रही उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन छात्र-छात्रओं का भविष्य ही नहीं, स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं का भी रिपोर्ट कार्ड तैयार करेगी। उत्तरपुस्तिका में छात्र-छात्रओं को मिलने वाले अंक ही शिक्षकों की जवाबदेही होंगे। जिन परिषदीय स्कूलों में छात्र ज्यादा फेल होंगे। वहां के शिक्षक-शिक्षिकाओं पर गाज गिरना तय है। विभाग द्वारा यह कदम परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है। परिषदीय स्कूलों में इस बार यूपी बोर्ड की तर्ज पर वार्षिक परीक्षाओं का आयोजन हुआ है। परिषदीय स्कूलों में एक घंटा पहले प्रश्न पत्र पहुंचे और बाद में उत्तर पुस्तिकाएं एकत्र होकर एनपीआरसी और बीआरसी पर पहुंचाई गई। वार्षिक परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी बीआरसी व एनपीआरसी केन्द्रनों पर उसी पैटर्न पर हो रहा है। मूल्यांकन पर अफसरों की पूरी नजर है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरण यादव ने बताया कि मूल्यांकन में अंक पूरी सख्ती के साथ दिए जा रहे है। तीस मार्च को छात्र-छात्रओं को रिजल्ट कार्ड वितरण होंगे। उसके बाद जिले भर के परिषदीय स्कूलों के मूल्यांकन रिपोर्ट एक साफ्टवेयर में डाला जाएगा। वह साफ्टवेयर स्वयं शिक्षक-शिक्षिकाओं की जवाबदेही तय कर देगा। उन्होंने बताया कि जिन स्कूलों के बच्चों के अंक सबसे कम होंगे। उन स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। कहा कि यूपी बोर्ड के पैटर्न पर होने वाली इस परीक्षा व मूल्यांकन पहली बार में कुछ दिक्कतें आई हैं, लेकिन इससे परिषदीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर जरूर अच्छा होगा।
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