शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा परिषदीय स्कूलों के औचक निरीक्षण में अब की जाने वाली लापरवाही अब महंगी पड़ सकती है। शासन द्वारा विभागीय अधिकारियों की मनमानी को कम करने के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसमें विभागीय अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले स्कूलों के निरीक्षण की रिपोर्ट विभागीय अधिकारियों द्वारा ऑनलाइन दर्ज कराई जाएगी। इस सॉफ्टवेयर पर निर्धारित संख्या से कम रिपोर्ट अपडेट करने अथवा जानकारी अपडेट न करने वाले अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। शासन द्वारा परिषदीय स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार के लिए ब्लॉक स्तर पर तैनात किए गए खंड शिक्षा अधिकारी से लेकर मंडल स्तर के अधिकारियों तक सभी को प्रतिमाह कुछ स्कूलों का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उनके द्वारा निरीक्षण किए जाने वाले स्कूलों की संख्या में निर्धारित की गई है। इसके बाद भी विभागीय अधिकारियों द्वारा नियमित स्कूलों का निरीक्षण नहीं किया जाता है। इसी लापरवाही में सुधार के लिए शासन द्वारा यह पहल की गई है। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा ने सभी अधिकारियों को निर्देश जारी कर इसका कड़ाई से पालन करने का कहा है। नए शैक्षिक सत्र से लागू होगा नियम शासन द्वारा लागू किया गया यह नियम एक अप्रैल से शुरू हो रहे परिषदीय स्कूलों के नए शैक्षिक सत्र से लागू होगा। इसमें सत्र के पहले ही महीने से सभी विभागीय अधिकारियों को इस नियम के तहत स्कूलों का निरीक्षण कर अपनी आख्या ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से अपडेट करनी होंगी। विभागीय अधिकारियों द्वारा स्कूलों का नियमित औचक निरीक्षण किए जाने की प्रक्रिया शुरू होते ही परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थित बढ़ जाएगी। शिक्षक विभागीय कार्रवाई के डर से नियमित स्कूल जाने लगेंगे। इससे परिषदीय स्कूलों के शैक्षिक स्तर में भी व्यापक सुधार देखने को मिलेगा। 1शासन द्वारा दिए गए निर्देश के आधार पर सभी अधिकारियों को नियमित स्कूलों का निरीक्षण करने व अपनी निरीक्षण आख्या को निर्धारित अवधि के भीतर ऑनलाइन सॉफ्टवेयर पर अपडेट करने का निर्देश दे दिया गया है। जिससे विभागीय निर्देश का पालन किया जा सके।
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