संवाद सहयोगी, हाथरस : बेसिक शिक्षा अधिकारी व वित्त एवं लेखाधिकारी के बीच शह और मात का खेल चल रहा है। जिससे शिक्षकों के एरियर आदि का भुगतान नहीं हो पा रहा। तमाम दिक्कतें शिक्षकों को ङोलनी पड़ रही हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेन्द्र गुप्ता और वित्त एवं लेखाधिकारी ब्रजेश राजपूत अपने स्तर से एक दूसरे के खिलाफ पत्रचार कर रहे हैं। वहीं गत दिनों बीएसए ने वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय में तैनात लिपिक विपिन भारद्वाज को शिक्षामित्रों से रिश्वत मांगने पर निलंबित कर दिया था। वही दूसरे लिपिक को कार्यालय से हटाकर बीआरसी सादाबाद अटैच कर दिया था। लिपिक ने आरोप लगाया था कि बीएसए के स्तर से की गई गलत नियुक्तियों का भुगतान न किए जाने पर यह कार्रवाई की गई है। वही वित्त एवं लेखाधिकारी ने बीएसए पर खंड शिक्षा अधिकारियों के उपर प्रभाव शून्य हो जाने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी को पत्र लिखा था। बीएसए ने अब डीएम के आदेश पर अपने यहां कार्यालय में तैनात दो बाबूओं कमलकांत सिन्हा और देवेन्द्र सिहं को वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय में सम्बद्ध कर दिया। वही वित्त एवं लेखाधिकारी ने अब बीएसए और समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि बीएसए की मनमानी की जा रही है। विकास खंडों से बीईओ के द्वारा अत्यन्त विलम्ब से डीए एवं बोनस के देयकों के प्रपत्र भेजे गए हैं। जिस कारण शत प्रतिशत जांच सुनिश्चित नही हो सकी है। बीईओ के द्वारा उक्त देयक वित्तीय वर्ष के अंत में प्रस्तुत करते हुए उनको आय में सम्मलित कर आयकर की देयता की कटौती प्रस्तावित की गई है। चूंकि अब कोषागार में देयक प्रस्तुतीकरण की अंतिम तिथि 25 मार्च थी जो निकल गई। जिस कारण उक्त देयकों का भुगतान इस वित्तीय वर्ष में किया जाना संभव नहीं है। है।
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