लखनऊ। तहसीनगंज स्थित बेबी मार्टिन स्कूल प्रशासन ने
शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत पहले तो एक बच्ची का निशुल्क दाखिला ले
लिया। लेकिन जब वह पढ़ने आई तो उसे मना कर दिया गया। इससे परेशान बच्ची के
अभिभावक ने बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी से लिखित शिकायत की
है। वहीं स्कूल प्रशासन का तर्कहै कि विभाग ने फीस का कोई पैसा नहीं दिया
है। साथ ही आगे पढ़ाने के संबंध में कोई निर्देश भी नहीं हैं।शिक्षा का
अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटों पर कक्षा एक व उससे
नीचे की कक्षा में निशुल्क दाखिले का प्रावधान है। स्कूल में जितने
निशुल्क दाखिले होते हैं, उसकी फीस प्रति छात्र 450 रुपए के हिसाब से राज्य
सरकार की ओर से दी जाती है। इसी के तहत जरदोजी का काम करने वाले मेंहदी
हसन ने अपनी पांच साल की बेटी का दाखिला बेबी मार्टिन स्कूल में कराया गया
था।बीएसए कार्यालय में दी गई शिकायत में उन्होंने कहा है कि स्कूल में उनकी
बेटी ने एक साल पढ़ाई की। लेकिन अब स्कूल प्रबंधन ने बच्ची को अगले क्लास
में प्रमोट करने से मना कर दिया। साथ ही उसे निकालने की सूचना भी अभिभावक
को दे दी। बीएसए के मुताबिक जो शिकायत आई है उस आधार पर स्कूल प्रबंधन को
भी नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। उन्होंने बताया कि आरटीई के तहत होने
वाले सभी दाखिलों में बच्चे की फीस प्रदेश सरकार दे रही है। इस कानून के
तहत कोई भी स्कूल आठवीं पास करने के बाद ही बच्च्ज़ को निकाल सकता है।
फिलहाल पिछले सत्र की फीस का बजट जारी हो गया है। जल्द ही इसे स्कूलों के
खातों में भेज दिया जाएगा।
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