इलाहाबाद: सरकार जहां परिषदीय स्कूल में बच्चों के पंजीकरण पर जोर दे रही है वहीं समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में स्टाफ के अभाव में बच्चों का भविष्य नहीं निखर पा रहा है। कई स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती नहीं होने की वजह से एक शिक्षक के भरोसे स्कूल चल रहे हैं। सरकार शैक्षिक गुणवत्ता पर बल दे रही है। ऐसे में इन स्कूलों की गुणवत्ता कैसे बेहतर होगी यह प्रश्न बना हुआ है। दरअसल असेवित बस्तियों के बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा स्कूल खोले गए थे ताकि इन बस्तियों के नौनिहाल शिक्षित हो सकें। इन स्कूलों में शिक्षक भर्ती नहीं होने से बच्चों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है। शहर के कई स्कूल एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। हरिजन प्राइमरी पाठशाला नेवादा में 175 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इस स्कूल में सात शिक्षकों के पद सृजित हैं। छह शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने के चलते एक शिक्षक सैकड़ों बच्चों को पढ़ाने के लिए मजबूर हैं। इसी तरह लीडर रोड स्थित आदि हंिदूू प्राथमिक विद्यालय में साठ बच्चे पंजीकृत हैं। यहां पर भी एक शिक्षक की तैनाती है। समाज कल्याण अधिकारी केके त्रिपाठी ने बताया कि जिन स्कूलों में शिक्षकों का अभाव है वहां पर पद सृजित हैं। उस स्कूल के प्रबंधक प्रस्ताव बनाकर कार्यालय में जमा करें। शिक्षकों की भर्ती करने के आदेश जारी किए जाएंगे।
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