शासन ने बीएसए का उन्नाव डॉयट कि लिए किया था ट्रांसफर , 18 दिन बाद भी नहीं छोड़ा चार्ज
इसे कुर्सी का मोह ही कहेंगे कि बीएसए ट्रांसफर के 18 दिन बाद भी रिलीव होने का नाम नहीं ले रहे है। आखिर बरेली की इस कुर्सी में कौन सी मलाई लगी है, जिसे बीएसए साहब छोड़ना नहीं चाह रहे हैं। अब उनके निज स्वार्थ में स्टूडेंट्स और विभाग को दिक्कतों का सामना जरूर करना पड़ रहा है.
आठ अप्रैल को हुआ था तबादला
सरकार ने 8 अप्रैल की शाम को 12 पीईएस अधिकारियों का तबादला किया था। इन तबादलों में बरेली के बीएसए डीएस सचान का नाम भी शामिल था। उनको उन्नाव के डायट पर वरिष्ठ प्रवक्ता के पद पर तैनाती दी गई है। लेकिन 18 दिन का समय बीतने के बाद भी उन्होंने चार्ज नहीं छोड़ा है। साइन के इंतजार में एमडीएम, सर्व शिक्षा अभियान और शिक्षकों के वेतन की फाइल रूकी हुई है। वहीं बीएसए का कार्यकाल काफी विवादित रहा था। उन पर शिक्षामित्रों के समायोजन में घोटाले के आरोप लगे थे, जिसकी जांच बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी और बेसिक शिक्षा परिषद के डायरेक्टर पर एडी बेसिक शशि देवी शर्मा ने की। इसके साथ ही जनवरी 2015 में नए बीएसए कार्यालय का उद्घाटन करने आए लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव से बीएसए द्वारा फोन नहीं उठाने की शिकायत की गई थी।
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