जागरण संवाददाता, लखनऊ : सूबे में बीएड में दाखिले के लिए आयोजित हुई संयुक्त प्रवेश परीक्षा में करीब 45525 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। बीएड प्रवेश परीक्षा में कुल 303032 अभ्यर्थी पंजीकृत थे, इसमें से 257507 अभ्यर्थियों ने दोनों पालियों में परीक्षा दी। परीक्षा का आयोजन लखनऊ विश्वविद्यालय करवा रहा है। कुलपति प्रो. एसबी निम्से ने राजधानी में कई परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण कर इंतजाम का जायजा लिया। फिलहाल उन्हें कहीं कोई गड़बड़ी नहीं मिली। का परिणाम 25 मई को घोषित करने की तैयारी है। 1बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के कोआर्डिनेटर प्रो. वाईके शर्मा ने बताया कि परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से निपट गई। प्रदेश भर में बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए 593 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। परीक्षा दो पालियों में सुबह 8 बजे से 11 बजे और दोपहर एक बजे से शाम चार बजे तक आयोजित की गई। परीक्षा केंद्रों के आसपास 500 मीटर के दायरे में पीसीओ, फैक्स व फोटो कापी की दुकानें बंद करने के निर्देश दिए गए थे। परीक्षा केंद्रों पर धारा 144 लागू की गई थी और परीक्षा केंद्र में मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध था। फिलहाल दूसरी पाली में राजधानी में लविवि के कुलपति प्रो. एसबी निम्से ने कॅरियर कांवेंट कॉलेज, नेताजी सुभाष चंद्र बोस डिग्री कॉलेज, एमएलएम कॉलेज व मुमताज पीजी कॉलेज का निरीक्षण किया। राजधानी में कुल 56 परीक्षा केंद्रों पर 28107 अभ्यर्थियों को परीक्षा देनी थी इसमें से 24452 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। राजधानी में 3770 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। फिलहाल बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के शांतिपूर्ण ढंग से निपटने से लविवि ने राहत की सांस ली है। यह दूसरा मौका था जब बीएड करवाने की जिम्मेदारी लविवि को सौंपी गई थी। 1केकेसी कॉलेज से बीएड की परीक्षा देकर निकलते अभ्यर्थी जागरणबीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के स्टेट कोआर्डिनेटर प्रो. वाईके शर्मा के सामने धर्मसंकट खड़ा हो गया। शुक्रवार को बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा थी और गुरुवार को अचानक उनकी मां शारदा देवी (83) की बीमारी के कारण सुबह 10:40 पर मृत्यु हो गई। वह समाजसेवी थीं। इसकी जानकारी उन्हें मिली तो वह स्तब्ध रह गए। उनके सामने संकट था कि वह परीक्षा करवाएं या सबकुछ बीच में छोड़कर खुर्जा, बुलंदशहर अपने घर जाएं। उन्होंने अपने परिवार को तत्काल वहां रवाना कर दिया लेकिन खुद बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी निभाने का निर्णय लिया। प्रो. वाईके शर्मा ने नम आंखों से कहा कि मेरी मां ने जिंदगी में हमेशा सिखाया बेटा अपने कर्म व कर्तव्य के प्रति निष्ठावान व ईमानदार रहो। ऐसे में मुङो लगा कि मां को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि अपने कर्तव्य से पीछे न हटें। यही कारण है कि मैनें परीक्षा आयोजित करवाने की जिम्मेदारी निभाने का निर्णय लिया। शुक्रवार को शाम 4 बजे परीक्षा खत्म होने के बाद वह अपने घर खुर्जा रवाना हो गए। अब वह अपनी मां के तेरहवीं संस्कार में शामिल होंगे।
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