जासं, रायबरेली : बेसिक शिक्षा विभाग की वार्षिक परीक्षाओं में सहयोग न करने वाले लापरवाह प्रधानाध्यापकों को चिंहित कर प्रतिकूल प्रविष्ट भेज दी गई है। जिससे भविष्य में परिषदीय स्कूलों में पंजीकृत छात्रों के भविष्य पर कोई आंच न आए। वहीं प्रधानाध्यापकों को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी होने के बाद शिक्षकों के बीच हड़कंप मच गया है। इसमें 32 ला परवाह शिक्षक बछरावां के राजामऊ और दो राही विकास क्षेत्र के है। 1पूर्व में प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों द्वारा समस्याओं को लखनऊ में धरना देने की घोषणा की थी। ऐसे में बीएसए ने निर्देश जारी किए थे कि जिन्हें धरने में जाना वो जा सकते है, लेकिन उन्हें निकट के स्कूल में अपने विद्यालय की चाभी देनी होगी। जिससे वार्षिक परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। लेकिन शिक्षकों ने नेतागिरी को अहमिता देते हुए चाभी भी अपने साथ लेकर चले गए। इन हालातों में उस दिन जिले के 34 परिषदीय स्कूलों में परीक्षाएं नहीं हो सकी। बीएसए के सख्ती दिखाने के बाद मार्च माह के अंतिम दिनों में परीक्षा को संपन्न कराया गया। साथ ही खंड शिक्षाधिकारियों की रिपोर्ट पर लापरवाह प्रधानाध्यापकों को चिंहित किया गया। प्रधानाध्यापकों के चिंहित होने के बाद बीएसए ने सभी को प्रधानाध्यापकों को प्रतिकूल प्रविष्टि देते हुए भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न करने के निर्देश दिए है। क्योंकि उक्त परिषदीय स्कूलों से बच्चों का भविष्य जुडा है और बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले शिक्षकों को कतई माफ नहीं किया जाएगा। वहीं प्रतिकूल प्रविष्टि मिलने की सूचना पर शिक्षकों के बीच हड़कंप मच गया है बीएसए रामसागर पति त्रिपाठी ने बताया लापरवाह 34 प्रधानाध्यापकों को प्रतिकूल प्रविष्टि देकर उन्हें उनके कार्यों का बोध कराया गया है। जिससे भविष्य में वह बच्चों के भविष्य के साथ न खेलें।1बच्चों के भविष्य पर पड़ रहा खराब प्रभाव1
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