पहले भी आ चुके हैं मामले बीएसए कार्यालय में अधिकारियों के फर्जी आदेश से नियुक्ति पत्र जारी करने का मामला सामने आ चुका है। यहां पर कई चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की नियुक्ति मेमो के आधार पर जारी पत्र से हो चुकी है। जब उसकी जांच कराई गई तो पाया गया कि कार्यालय में कोई पत्र ही नहीं मौजूद है। इस पर कई की सेवा समाप्त हो चुकी है। आ रही थीं शिकायतें- प्रशिक्षु शिक्षकों के सत्यापन को लेकर भी डिस्पैच नंबर का खेल सामने आया था। इसको लेकर वसूली की शिकायतें भी सामने आई थी। उस वक्त अधिकारियों ने कार्रवाई की थी। इसके बाद भी हाल सुधरा नहीं। प्रकरण गंभीर है। बीच के 40 डिस्पैच नंबर छोड़ दिए गए थे। जिस पर कार्रवाई की जा रही है। लिपिक से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। ’
बेसिक शिक्षा विभाग में डिस्पैच रजिस्टर में खेल का एक बड़ा मामला पकड़ में आया है। जिस पर संबंधित विभागीय कर्मी के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। दरअसल, विभाग में इससे पहले भी डिस्पैच के कई मामले सामने आ चुके हैं। इस खुलासे को लेकर विभाग में खलबली मची हुई है। बीएसए कार्यालय से जारी होने वाले सभी पत्रों को एक रजिस्टर पर दर्ज किया जाता है। जिस पर संबंधित तिथि के साथ ही पत्रंक जारी किया जाता है। इसमें संबंधित प्रकरण का हवाला भी दिया जाता है। जिससे अगर कभी भी कोई जानकारी करनी हो तो पत्रंक नंबर से उसे खोजा जा सके। इसके बाद भी बीएसए कार्यालय के डिस्पैच रजिस्टर से आए दिन खेल होने की शिकायतें अधिकारियों को मिल रही थी। पिछले दिनों बीएसए डॉ. फतेह बहादुर सिंह ने अपने कार्यालय से जारी होने वाले पत्रों का डिस्पैच रजिस्टर चेक किया तो कई खुलासे हो गये। पिछली तिथियों में एक दो नहीं करीब 40 स्थान खाली छोड़ दिए गये थे, जिस पर कोई भी टिप्पणी अंकित नहीं थी। इसके आगे पत्रंक जारी किए गए थे, बीच में अधूरा रजिस्टर होने पर जब संबंधित बाबू से पूछताछ की गई तो वह कोई सटीक जानकारी नहीं दे पाया। इस पर संबंधित लिपिक आलोक से बीएसए ने स्पष्टीकरण मांगा है। इसको लेकर खलबली मची हुई है।
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