राजधानी में कई प्राथमिक स्कूल व पूर्व माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थी जान
जोखिम में डालकर पढ़ाई करने जा रहे हैं। निर्माण में भ्रष्टाचार के कारण जो भवन भूकंपरोधी बनाए गए वह भी दस से पांच साल के भीतर ही जर्जर हो गए। ऐसे में विद्यार्थी जान हथेली पर लेकर मजबूरी में पढ़ने जा रहे हैं। 1माल ब्लॉक में बीते सोमवार को प्राथमिक विद्यालय मुसरिहन खेड़ा की छत ढह गई। शुक्र यह रहा कि कोई विद्यार्थी हताहत नहीं हुआ और बड़ा हादसा टल गया। मगर इसी ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बीरपुर का भवन भी जर्जर है। वर्ष 2011-12 में बने इस भवन निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए थे, लेकिन इसी जर्जर भवन में विद्यार्थियों को मजबूरन पढ़ाया जा रहा है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय ससपन और प्राथमिक विद्यालय भदौरिया खेड़ा में भी विद्यालय भवन जर्जर हो गए। शिक्षकों ने कई बार पत्र लिखकर इसकी मरम्मत करने की गुहार लगाई, लेकिन विद्यार्थियों को मजबूरन इसी भवन में जान हथेली पर रखकर पढ़ना पढ़ रहा है। इसी तरह बंथरा में वर्ष 2005 में बनें पूर्व माध्यमिक विद्यालय रौतापुर का भूकंपरोधी भवन भी जर्जर हो गया है। अब इसमें विद्यार्थी जैसे-तैसे पढ़ाई कर रहे हैं। बख्शी का तालाब ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय अकड़रिया कला का भवन वर्ष 2000 में बनाया गया। निर्माण के समय ही इसमें तमाम अनियमितताएं बरती गईं। अब इसकी छत बरसात में टपकती है और कमरे का प्लॉस्टर टूट-टूटकर गिरता है। इसी तरह पुरनिया गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर होने के कारण विद्यार्थी एक कमरे वाले सामुदायिक केंद्र में पढ़ते हैं। पूर्व माध्यमिक विद्यालय पल्टन छावनी का भवन भी जर्जर है। विद्यार्थियों ने बताया कि उन्हें डर लगता है कि आखिर कहीं कोई हादसा न हो जाए। नगराम क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय का वर्ष 1990 में बना भवन जर्जर हो गया है। शिक्षकों ने बताया कि यहां पर किसी तरह वह पढ़ाई करवा रहे हैं। इस बारे में बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी का कहना है कि जहां पर जर्जर भवन की शिकायतें आईं वहां पर अतिरिक्त कक्ष बनवाकर विद्यार्थियों को पढ़ाने की व्यवस्था की गई। अब जो शिकायतें सामने आएंगी उनका निस्तारण किया जाएगा। विद्यार्थी की जान जोखिम में डालकर पढ़ाई नहीं करवाई जाएगी।जागरण संवाददाता, लखनऊ : माल क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मुसरिहन खेड़ा का घटिया भवन बनाने के आरोप में शिक्षक अहिबरन सिंह को निलंबित कर दिया गया है। इस प्रकरण में बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने तकनीकी जांच के आदेश भी दिए हैं। बीते सोमवार को इस स्कूल के जर्जर भवन में जब विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे थे उसी समय अचानक स्कूल की छत ढह गई। फिलहाल किसी विद्यार्थी के हताहत न होने से एक बड़ा हादसा टल गया। बीएसए ने बताया कि वर्ष 2001 में स्कूल का यह भवन भूकंपरोधी बनाया गया था। मगर घटिया निर्माण के कारण इसे निष्प्रयोज्य घोषित कर दिया गया था। इसी गुणवत्ता पर भी सवाल उठे थे। फिलहाल यहां पर अतिरिक्त कक्ष बनवाकर विद्यार्थियों को पढ़ाने की व्यवस्था की गई थी। मामले की तकनीकी जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।पूर्व माध्यमिक विद्यालय छावनी मड़ियांव का जजर्र संकुल केंद्रसरोजनीनगर के प्राथमिक विद्यालय रौतापुर की चिटक चुकी दीवारविकासखंड माल के भदवरिया खेड़ा प्राथमिक विद्यालय में जजर्र दीवार पर टिकी छत
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