मुन्नाभाई शिक्षक प्रत्यक्ष कुमार की नहीं हुई अभी गिरफ्तारी इधर इसी सप्ताह फर्जी टीईटी अंकतालिका पाए जाने पर प्रत्यक्ष कुमार को नौकरी से बरखास्त किया गया था। इस सिलसिले में चार दिन बीत जाने पर भी अभी तक पुलिस और बेसिक महकमा के मध्य आंख-मिचौली का खेल चल रहा है। जहां बेसिक महकमा बरखास्त शिक्षक प्रत्यक्ष कुमार के खिलाफ एफआइआर लिखाने की जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डाल रहा है। वहीं विभाग की उदासीनता देखते हुए पुलिस भी टालमटोल कर रही है। हालांकि इस संबंध में मंगलवार को पुलिस संबंधित लिपिक राजेश बाबू सक्सेना के पास बीएसए कार्यालय में पूछताछ के लिए आई थी। केस संबंधित जरूरी जानकारी हासिल कर पुलिस वापस लौट गई है। अभी तक पुलिस ने चार दिन बीत जाने के बाद भी प्रत्यक्ष कुमार को गिरफ्तार नहीं किया है।
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : टीईटी की फर्जी डिग्री के आधार पर परिषदीय विद्यालय में सहायक अध्यापक की नौकरी पा चुके प्रत्यक्ष कुमार की सेवा समाप्ति हुए एक सप्ताह भी नहीं बीता कि तीन मुन्नाभाई और पकड़ में आ गए हैं। टीईटी की अंकतालिका जमा होने के पश्चात शैक्षिक प्रमाणपत्रों का संबंधित बोर्ड से सत्यापन होता है। जिसके क्रम में तीन शिक्षकों की अंकतालिका फर्जी पायी गईं। तहसील पुवायां के प्राथमिक विद्यालय हरदुआ में अध्यापक रामकुमार पाठक ने सितंबर 2015 में फर्जी टीईटी अंकतालिका के आधार पर सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति पाई थी। सत्यापन में फर्जी अंकतालिका पकड़े जाने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश कुमार ने तत्काल प्रभाव से सेवा समाप्ति का नोटिस जारी कर दिया है। वहीं दूसरे मुन्नाभाई पकड़ में आए रविकांत दीक्षित, जो उच्च प्राथमिक विद्यालय कोकरपुर बंडा में सहायक अध्यापक के पद पर सितंबर 2015 से नियुक्त थे। इनकी भी फर्जी अंकतालिका पाए जाने पर बीएसए ने सेवा समाप्ति का नोटिस जारी कर दिया है। इसी क्रम में हरिमोहन सिंह चाहर जो प्राथमिक विद्यालय वरकलीगंज खुटार में सहायक अध्यापक के पद पर अगस्त 2014 से नियुक्त थे। बीएसए ने बताया कि बोर्ड से सत्यापन में तीनों शिक्षकों की अंकतालिका फर्जी पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से सेवा समाप्त कर दी गई है। खास बात यह रही कि तीनों शिक्षकों के वेतन अभी नहीं निकले हैं।
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