परिषदीय विद्यालयों का कमांडर (मॉनीटर) नए गणवेश में जल्द ही नजर आएगा। विशेष पोशाक में विद्यालय में मौजूदगी दर्ज कराएगा तो साथ ही उसके द्वारा निभाए जाने वाले दायित्वों का पाठ पहले गुरुजी पढ़ाएंगे। कक्षा में निगरानी के साथ वह हर गतिविधि पर नजर रखते हुए प्रधानाध्यापक को रिपोर्ट करेगा। डीएम ने नई व्यवस्था लागू करते हुए बीएसए को हर कक्षा में तेज बौद्धिक स्तर वाले बच्चे को मॉनीटर का दायित्व अविलंब दिए जाने के निर्देश दिए हैं। डीएम राजीव रौतेला ने परिषदीय विद्यालयों में प्राथमिक और उच्च्च प्राथमिक विद्यालयों की प्रत्येक कक्षा में मॉनीटर की नियुक्ति करने के निर्देश दिए हैं। पूर्व भी कक्षाओं में मॉनीटर तैनात किए जाते रहे हैं लेकिन डीएम ने इसे आधुनिकता का रूप दिया है। कक्षा का मॉनीटर पढ़ाई लिखाई के निर्वहन के साथ ही कक्ष की स्वच्छता का भी ध्यान रखेगा। किसी बच्चे के द्वारा अगर कक्ष गंदा किया जाता है तो इसकी सूचना प्रधानाध्यापक अथवा संबंधित शिक्षक को देगा। जिससे कि रोकथाम के प्रयास करके पुनरावृत्ति रोकी जाएगी। अलग गणवेश में जब बच्चा विद्यालय से घर आना-जाना करेगा तो उसकी एक अलग पहचान बनेगी। समाज में लोग जान सकेंगे कि यह बच्चा पढ़ाई करने में तेज है उसे मॉनीटर बनाया गया है। बीएसए विनय कुमार सिंह ने बताया कि कक्षा में मॉनीटर बनाने की नई प्रक्रिया को जल्द ही अमल में लाया जाएगा। उसके लिए नई पोशाक डीएम के आदेश पर पहुंचाई जाएगी। साथ ही उसके द्वारा निभाए जाने वाले दायित्व लिखित तौर पर उसे दिए जाएंगे जिससे कि वह बार-बार उन्हें पढ़े और दायित्व निर्वहन करें। मॉनीटर की सूची ब्लाक स्तर पर खंड शिक्षाधिकारी के पास आएगी। इसके बाद सभी ब्लाक जिला मुख्यालय को सूची भेजेंगे।
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