जागरण संवाददाता, बदायूं : गरीबों के घर शिक्षा का दीप जलेगा। हर घर जाएंगे। बच्चों को पढ़ाने की गुजारिश करेंगे ताकि गरीबों के बच्चे शिक्षा के बूते अपनी और परिवार की तकदीर बदलें। नए शिक्षण सत्र में बदलाव का संदेश लेकर सेवानिवृत्त शिक्षक गांवों में निकलेंगे। दरअसल बच्चों के नामांकन व परिषदीय विद्यालयों की योजनाओं को प्रचार-प्रसार करने को बेसिक शिक्षा विभाग सेवानिवृत्त शिक्षक-शिक्षिकाओं की मदद लेगा ताकि जिले का कोई भी बच्चा, स्कूल जाने से महरुम न रह सके। नए सत्र एक महीने तक यह प्रक्रिया चलेगी। सेवानिवृत्त शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा विभाग की पहल की सराहना की है।एक भी बच्चा छूटा संकल्प हमारा टूटा, घर-घर शिक्षा का दीप जलाओ, पढ़े भारत-बढ़े भारत आदि तमाम स्लोगन के माध्यम से शिक्षा को लेकर ग्रामीणों को जागरूक किया जाता है। बच्चों को शिक्षित करने के लिए उन्हें परिषदीय विद्यालयों तक लाकर प्रवेश कराने में शिक्षक-शिक्षिकाओं के पसीने छूट जाते हैं। गांवों में रैली निकालकर शिक्षा का संदेश दिया जाता है, इसके बाद भी कहीं न कहीं चूक रह जाती है और अभियान पूरा नहीं पाता। जिसके चलते बेसिक शिक्षा विभाग गांव की स्थिति से बेहतर ढंग से वाकिफ सेवानिवृत्त शिक्षक-शिक्षिकाओं की मदद लेगा। तजुर्बे का लाभ बच्चों को शिक्षित करने में लिया जाएगा जो विद्यालयों के शिक्षकों के साथ मिलकर गांवों में स्कूल चलो रैली निकलवाएंगे। गांवों के मुअज्जिज लोगों के साथ बैठकर बच्चों को विद्यालय भेजने का आह्वान करेंगे। प्रधानों को भी साथ लेकर गांवों में शिक्षा की अलख जगाएंगे। मध्यान्ह भोजन, दूध वितरण, मुफ्त यूनीफार्म वितरण आदि योजनाओं की जानकारी देकर उनके बच्चों का नामांकन कराएंगे। यह प्रक्रिया 31 अप्रैल को समाप्त होगी। बीएसए एपी शर्मा ने बताया कि सेवानिवृत्त शिक्षक गांवों की स्थिति के अच्छे जानकार होते हैं। बच्चों के भविष्य के लिए उनसे मदद मांगी गई है, बहुत से शिक्षकों ने हामी भर दी है
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