लोक शिक्षा प्रेरकों को नियमित कर दिया जाए। इससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सकेगा। इससे निश्चित तौर पर शिक्षा में बदलाव आएगा। प्रेरकों का मानदेय भी दो हजार से बढ़ाकर 15 हजार रुपया किया जाए। साथ ही कार्यालय व्यय 1200 रुपया प्रतिमास प्रदान किया जाए। जिसके न मिलने से प्रेरकों को अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ता है।1-जन्मेजय सिंह।1बीआरसी पर प्रेरकों का प्रशिक्षण कराया जाए। प्रशिक्षण के बिना प्रेरक अधूरे हैं। क्योंकि प्रशिक्षण पश्चात प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है। इससे यह सिद्ध होता है कि वह प्रेरक पद पर कार्यरत हैं। आकस्मिक अवकाश के साथ महिला प्रेरकों को मातृत्व अवकाश प्रदान किया जाए। अवकाश न मिलने से प्रेरकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।1-सीमा पांडेय।ढाई महीने का मानदेय काट दिया गया है। उसके कटने का उचित कारण भी नहीं बताया गया। जबकि शासनादेश में इसका कोई उल्लेख नहीं है कि मानदेय किन परिस्थितियों में काटा जाएगा।1-डिम्पल बाला।1लोक शिक्षा केंद्र को नियमित रूप से संचालित करने का निर्देश जारी किया जाए। अन्यथा साक्षरता मिशन को धक्का लगेगा। इसके साथ ही प्रेरकों को मिलने वाला मानदेय बहुत कम है। मानदेय भुगतान में प्रपत्र संख्या नौ का उपयोग किया जाए। -अनुज वर्मा।1
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