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Saturday, April 2, 2016

जालौन : शिक्षकों व कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन की बहाली के लिए मनाया 'काला दिवस', तहसील गेट पर सभा कर किया प्रदर्शन, सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन


पुरानी पेंशन की मांग पर मनाया 'काला दिवस'
उरई, हिन्दुस्तान संवाद। पुरानी पेंशन की मांग को लेकर शुक्रवार को अटेवा पेंशन बचाओ मंच के साथ शहर के कई शिक्षक संगठनों ने काला दिवस मनाया। तहसील गेट पर अटेवा पेंशन बचाओ मंच के साथ ठकुरई गुट के शिक्षकों ने काली पटटी बांधकर एक सभा करके अपनी मांगों के लिए नारेबाजी करके अपनी आवाज उठाई। वहीं समस्त शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा।

उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुरई गुट) ने शुक्रवार को तहसील गेट पर अटेवा पेंशन बचाओ मंच के साथ पुरानी पेंशन समारहित के विरोध में काला दिवस मनाया। सभी कर्मचारी व शिक्षकों ने काली पटटी बांधकर यूपी बोर्ड की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन का बहिष्कार कर पुरानी पेंशन बहाली हेतु प्रदर्शन करते हुए काला दिवस मनाया। संघ के जिलाध्यक्ष मनीष पालीवाल ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि पुरानी पेंशन योजना की हर तरह से हमारे व हमारे परिवार के लिए अच्छी है और नई पेंशन योजना का हम लोग पूरी तरह से विरोध कर रहे हैं।

माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय उपाध्यक्ष गिरेंद्र सिंह कुशवाह ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना की हर हाल में लागू की जानी चाहिए। यदि सरकार शिक्षक कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नहीं दे सकती है तो सांसदों और विधायकों की पेंशन व्यवस्था बन्द की जाए।

माध्यमिक शिक्षक संघ के नेता डॉ. विनोद अहिरवार ने कहा कि पेंशन एक सरकारी कर्मचारी का मूलभूत अधिकार है। जिसे एक अप्रैल 2004 को कर्मचारियों से छीन लिया गया। परन्तु अब कर्मचारी भी शांत रहने वाले नहीं और वह आंदोलन करेंगे और इसे वापस लेकर रहेंगे।

वहीं राष्ट्रीय शैक्षिक संघ के जिलाध्यक्ष राजेंद्र राजपूत ने कहा कि पेंशन ही सरकारी नौकरी का चार्म हुआ करता था। जिसे बन्द करके सरकार ने अपने पैरों पर ही कुल्हाड़ी मार ली वहीं प्रतापभानु यादव ने कहा कि 12 साल तक हमने बहुत सब्र कर लिया है। अब शिक्षक कर्मचारी चुप नहीं रहने वाले हैं। पश्चिम बंगाल, केरल व त्रिपुरा में पुरानी पेंशन लागू है तो उप्र में क्यों नहीं। अब तो आर पार की लड़ाई तय है।

वहीं अटेवा के बैनर तले समस्त शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट पीके सक्सेना को सौंपा। ज्ञापन में शिक्षकों ने मांग करते हुए कहा कि एक जनवरी 2004 के बाद नियुक्त शिक्षकों, कर्मचारियों व अधिकारियों को बुढ़ापे में दी जाने वाली पेंशन को समाप्त कर दिया गया है।
 
ज्ञापन देने वालों में प्रदेश मंत्री लाल सिंह चौहान, मनीष पालीवाल, सम्पूर्णानंद गौतम, उदयवीर निरंजन, सिद्धार्थ उदयवीर, आलोक शर्मा, अरविंद विश्वकर्मा, पंकज द्विवेदी, सूर्य प्रताप सिंह, प्रदीप रायक्वार, सुनील गौतम, संतोष तिवारी, विजय सक्सेना, ब्रजेश श्रीवास्तव, सुनील प्रकाश गौतम, विकास श्रीवास्तव, विक्रम सिंह, प्रताप ठाकुर आदि मौजूद रहे।











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