बच्चों पर सितम
सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की बजाय प्रचार, LPS में सजा के लिए धूप में खड़ा किया
एलपीएस सहारा एस्टेट को बाल आयोग का नोटिस
तपती दुपहरी में 'स्कूल चलें हम'
सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की बजाय प्रचार, LPS में सजा के लिए धूप में खड़ा किया
एलपीएस सहारा एस्टेट को बाल आयोग का नोटिस
तपती दुपहरी में 'स्कूल चलें हम'
राजधानी में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस पार चल रहा है। गर्मी के कारण प्राइमरी स्कूल सुबह सात बजे से 11 बजे तक ही खोलने के आदेश हैं। इसके उलट सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने जा रहे बच्चों को तेज धूप के बीच ‘स्कूल चलो अभियान’ की प्रचार रैली में भेजा जा रहा है।
सरकारी स्कूलों में नया शिक्षा सत्र एक अप्रैल से शुरू हुआ है, लेकिन यहां बच्चों को पढ़ाई की बजाय रैली में हिस्सा लेना पड़ रहा है। मंगलवार को ही गोसाईंगंज के मलौली प्राइमरी स्कूल के बच्चों को सुबह 11 बजे तपती धूप में पोस्टर-बैनर लेकर रैली निकालनी पड़ी। इसी तरह मलिहाबाद में स्कूलों के बच्चों ने भी रैली में हिस्सा लिया। मोहनलालगंज और काकोरी के स्कूलों में भी यही हाल है। इस बारे में बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी का कहना है कि धूप के कारण सुबह 7-8 बजे तक ही रैली निकालने के आदेश हैं। अगर कहीं उसके बाद रैली निकाली जा रही है, तो गलत है।
यूनिफॉर्म में लोगो न होने पर बच्चों को धूप में खड़ा किया!
nवसं, लखनऊ: अभिभावकों की शिकायत पर एलपीएस सहारा एस्टेट को बाल आयोग ने नोटिस भेजकर 2 मई तक जवाब मांगा है। आरोप है कि यूनिफॉर्म में लोगो नहीं होने पर स्कूल प्रशासन ने नर्सरी से लेकर सीनियर क्लास के कई बच्चों को कड़ी धूप में खड़ा रखा, जिससे कुछ बच्चों की हालत भी खराब हो गई।
राजकीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष जूही सिंह के मुताबिक, शिकायत में कई अभिभावकों ने बताया कि यूनिफॉर्म का लोगो स्कूल से मिलता है। इसके लिए फीस ली जाती है। कई अभिभावकों ने अभी तक लोगो नहीं खरीदा है। आरोप है कि स्कूल में हर बच्चे की चेकिंग की जा रही है। जिस बच्चे के यूनिफॉर्म में लोगो नहीं होता, उन्हें बाहर धूप में खड़ा कर दिया जाता है।
एलपीएस-सहारा एस्टेट में बच्चों को धूप में खड़ा करने की शिकायत आई थी। बच्चों को शारीरिक दंड देना अपराध है। इसलिए नोटिस जारी 2 मई तक जवाब मांगा गया है।
- जूही सिंह,
अध्यक्ष यूपीएससीपीसीआर
स्कूल में ऐसा कुछ नहीं हुआ। बच्चों से लोगो के बारे में पूछा गया था, जो बच्चे नहीं लाए थे, उन्हें बेसमेंट में ले जाकर खड़ा किया गया था। भीड़ ज्यादा थी तो बेसमेंट में ले जाते समय उन्हें भले ही 5 से 10 मिनट धूप में खड़ा रहना पड़ा हो।
- विजय मिश्रा, पीआरओ, एलपीएस
सुबह 7 से 11 बजे तक खुल रहे स्कूल मगर दोपहर तक निकाली जा रहीं रैलियां•अख्तर फात्मा, लखनऊ
सुबह 7 से 11 बजे तक खुल रहे स्कूल मगर दोपहर तक निकाली जा रहीं रैलियां•अख्तर फात्मा, लखनऊ
साभार : नवभारत
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