जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में 14 वर्षों से संबद्ध चल रहे शिक्षकों का संबद्धीकरण समाप्त करने की एडी बेसिक लखनऊ मंडल महेंद्र सिंह राणा ने कहीं। क्योंकि शिक्षा निदेशक (बेसिक) दिनेश बाबू शर्मा द्वारा जारी किए गए आदेश का पालन किया जाएगा। डायट में संबद्ध शिक्षकों का संबद्धीकरण समाप्त करने की प्रक्रिया शीघ्र गतिमान की जाएगी। वहीं संबद्धीकरण के दौरान शिक्षकों को पदोन्नति कैसे मिली आगे चलकर इसकी भी जांच करायी जाएगी। डायट में विगत कई वर्षों से प्रवक्ताओं की कमी चल रही है। जिस पर अलग-अलग विकास खंडों के शिक्षकों को डायट में प्रशिक्षण के लिए संबद्ध कर लिया गया। जिसके चलते करीब 12 वर्ष पहले राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद उप्र (एससीइआरटी) और पूर्व जिलाधिकारी के अनुमोदन पर डायट में नौ शिक्षकों को संबद्ध किया गया। संबद्धीकरण अवधि के दौरान शिक्षकों को पदोन्नति भी मिली, लेकिन उन्होंने स्कूलों में कभी भी ककहरा तक नहीं पढ़ाया। जनपद में संबद्धीकरण का खेल सामने आने पर शिक्षा निदेशक (बेसिक) दिनेश बाबू शर्मा ने एक पत्र जारी कर कहा कि शिक्षकों का संबद्धीकरण समाप्त कर उन्हें उनके मूल विद्यालय भेजा जाए। उधर, बीइओ द्वारा संबद्धीकरण समाप्त कर मूल स्कूल में ज्वाइन करने का पत्र थमा दिया गया और जिसने ज्वाइन नहीं किया उसका वेतन रोक दिया गया। डायट प्राचार्या रेखा दिवाकर ने वर्षों पहले एससीइआरटी व पूर्व डीएम के अनुमोदन पत्र का हवाला देते हुए वेतन बहाल करवा दिया गया। 1कैसे चयनित हुए नाम डायट में बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी के अभ्र्यिथयों को प्रशिक्षण देने के लिए अलग-अलग विकास खंड से इन शिक्षकों का चयन कैसे किया गया। अब सवाल ये है कि इनमें से कुछ शिक्षक ऐसे भी है, जिन्हे परिषदीय स्कूलों में नौकरी मिलने के कुछ वर्ष बाद डायट में संबद्ध कर दिया गया। ऐस में डायट में मिलने वाले प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर प्रश्न चिंह लग सकता है। ये शिक्षक है संबद्ध1 अभिषेक श्रीवास्तव 10 अगस्त 20071आरएन सिंह आठ जुलाई 20081अभिषेक द्विवेदी 11 जुलाई 20081सूर्य प्रकाश 15 दिसंबर 20081मुदिता बाजपेयी छह फरवरी 20021चंदना गोस्वामी सात सितंबर 20061राजेंद्र वर्मा 17 जुलाई 20081आशुतोष तिवारी 08 दिसंबर 200816जब डायट में हुए थे संबद्ध तब शिक्षकों का था शुरूआती दौरसंबद्धीकरण समाप्त करने की प्रक्रिया तेज होगी।
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