ग्लोबल वार्मिग का असर हमारी जीवन शैली पर पड़ रहा है, जिसके कारण संतुलन बिगड़ता जा रहा है। अब ग्लोबल वार्मिग की समस्या से निपटने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अपने छात्रों को जागरूक करके समाज को समझाना चाह रहा है, ताकि दूषित होते जा रहे पर्यावरण को समय रहते बचाया जा सके। सीबीएसई स्कूलों में बच्चों के संग गतिविधियां करानी होंगी, जिनकी फोटोग्राफी और वीडियो ग्राफी कराकर सीबीएसई की ई-मेल आइडी पर अपलोड करनी होगी। इन दिवसों में गतिविधिग्लोबल वार्मिग की समस्या के समाधान और बच्चों को प्रकृति से रूबरू कराने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड छात्रों को जागरूक कर रहा है, ताकि उन्हें पर्यावरण से जुड़ी तमाम जानकारियां हासिल हो सकें। पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस, आठ जून को विश्व समुद्र दिवस के अलावा 17 जून को बंजर जमीन व सूखे से निपटने का दिवस मनाया जाएगा। क्या करेंगे बच्चे क्लास एक से पांच तक के बच्चे स्कूलों में एक क्षेत्र को संवारेंगे। उस जगह ट्री प्लांट के अलावा मौसमी सब्जियां उगानी होंगी। स्कूल या घर पर गड्ढा बनाकर किचन के वेस्ट को डालकर खाद बनाना सीखेंगे। छोटे बर्तनों में चिड़ियों के लिए पानी भरकर रखेंगे तथा उसे समय-समय पर बदलते रहेंगे। क्लास छह से आठ तक के बच्चे विभिन्न चिड़ियों के घोसलों के फोटो एकत्रित करेंगे। जल संचयन करना सीखेंगे। साफ सफाई के पोस्टर बनायेंगे। स्वस्थ समुद्र और स्वस्थ ग्रह पर कक्षा में ग्रुप डिस्कशन साथियों से करेंगे। क्लास नौ से बारह के छात्रों को आर्टिकल लिखने होंगे कि आखिर जल संचयन कैसे किया जाये। जंगलों में आग के ऊपर आर्टिकल लिखकर कम्प्यूटर पर पावर प्वाइंट पर प्रजेंटेशन करना होगा।
शिक्षकों की जिम्मेदारी छात्रों की गतिविधियों पर शिक्षकों की जिम्मेदारी तय की गयी है। क्लासों में शिक्षक अपनी मौजूदगी में यह सब गतिविधि कराएंगे।
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