शायद ही कोई ऐसा हो जो एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से परिचित न हो। विज्ञान की राह पर चलकर कलाम ने न सिर्फ देश के लिए अनेकों कार्य किये बल्कि राष्ट्रपति के पद को भी सुशोभित किया। ग्रामीण इलाकों में भी आधुनिक कलाम तैयार हों, इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। जनपद में राष्ट्रीय अविष्कार योजना के तहत 20 परिषदीय विद्यालयों का चयन किया गया है। इनमें अध्ययनरत दो हजार से अधिक बच्चों को विज्ञान से जोड़ा जायेगा। इसके साथ-साथ तकनीक और गणित के प्रति भी विद्यार्थियों का रुझान बढ़ाने की कोशिश की जायेगी। गांव का पप्पू भी अब पब्लिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की तरह नन्हा वैज्ञानिक बन सकेगा। परिषदीय विद्यालयों में विज्ञान की शिक्षा भगवान भरोसे ही है। यही वजह है कि इस विषय से बच्चे दूर भागते हैं। विज्ञान और गणित के डर को दूर भगाने के लिए एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रीय अविष्कार योजना को धरातल पर उतारने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रथम चरण में योजना के अंतर्गत 20 विद्यालयों का चयन किया गया है। यह विद्यालय क्षेत्र के अन्य स्कूलों के लिए माडल के रूप में कार्य करेंगे। बच्चों को विज्ञान सीखने के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा। विज्ञान और गणित की पढ़ायी के लिए स्वाभाविक उत्सुकता का सृजन किया जायेगा। स्कूल में माडल विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना होगी। न केवल विद्यालय में अपितु विद्यालय के बाहर भी बच्चे विज्ञान सीखेंगे
No comments:
Write comments