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Monday, May 30, 2016

बदायूं : दिव्यांगों का हक छीनकर पा ली नौकरी, फर्जी शिक्षक-शिक्षिकाओं से मांगा गया स्पष्टीकरण, इस कार्रवाई से मची खलबली


📌बर्खास्तगी के अलावा होगी रिकवरी की कार्रवाई1दिव्यांगता के फर्जी प्रमाण पत्र पर तकरीबन आठ वर्षों से नौकरी करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा इस अवधि के वेतन व अन्य देयों की रिकवरी भी की जाएगी। कार्रवाई से पहले स्पष्टीकरण का इंतजार किया जा रहा है।

📌 दिव्यांग..यह शब्द सुनकर ही मन में दया की भावना जागृत हो जाती है। हर कोई उनकी मदद को हमेशा ही तैयार रहता है और दिव्यांग पढ़-लिखकर किसी क्षेत्र में नाम कमाएं तो मन प्रफुल्लित हो उठता है। नौकरी में उन्हें आरक्षण निर्धारित किया गया है, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग में इसका दुरुपयोग किया गया है। स्वार्थी लोगों ने दिव्यांगों का हक मारा और फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी ले ली। जिले में छह फर्जी शिक्षक-शिक्षिकाओं को चिह्न्ति कर उन्हें बर्खास्त करने का नोटिस दिया गया है।1परिषदीय विद्यालयों में भर्ती के लिए अभ्यर्थियों की दिव्यांगता कम से कम 40 प्रतिशत होनी चाहिए। जिसका प्रमाण पत्र विभाग को देने पर ही उसे आरक्षण का लाभ दिया जाता है। वर्ष 2008 में निकाली गईं शिक्षक-शिक्षिका भर्ती में कुछ लोगों ने धांधलेबाजी करके नौकरी प्राप्त कर ली। कुछ दिव्यांगों ने ऐसे लोगों के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की। जिसमें बताया गया कि इन शिक्षक-शिक्षिका ने 10 प्रतिशत दिव्यांगता होते हुए भी 40 प्रतिशत का दिव्यांगता प्रमाण पत्र लगाकर लाभ उठाया है। इन फर्जी शिक्षक-शिक्षिका में तीन ने अस्थि रोग, दो ने बधिरपन व एक ने नेत्र रोग का प्रमाण पत्र लगाया है। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इन शिक्षक-शिक्षिकाओं पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की ओर से छह शिक्षक-शिक्षिकाओं से सात दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। जिसके बाद ही बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी। डायट प्राचार्य राजीव कुमार दिवाकर ने बताया कि शिक्षक-शिक्षिका से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। रिपोर्ट कोर्ट को भी भेजी जाएगी। मामला गोपनीय होने की वजह से बाद में नामों को उजागर किया जा सकेगा। बीएसए प्रेमचंद्र यादव ने बताया कि नियमानुसार पहले स्पष्टीकरण जरूरी है, इसके बाद ही अग्रिम कार्रवाई की जा सकेगी।

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