कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों का हाल सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को एक बार फिर अधिकारियों के निरीक्षण में खामियों का सच सामने आ गया। बेड टूटे हैं, शौचालय खराब है। तीन साल से आरओ खराब होने के कारण बालिकाएं दूषित पानी पीने के लिए विवश हैं। डीएम आशुतोष निरंजन के आदेश पर एसडीएम अनिल कुमार मिश्र ने कस्तूरबा स्कूल का जायजा लिया तो खामियां सामने आ गईं। स्कूल के भवन में सौ बच्चों के रहने का स्थान नहीं हैं लेकिन उसी में बच्चों के साथ शिक्षिकाएं भी रहती हैं। कमरों की फर्श टूट चुकी है, दीवारों में दरार पड़ी हुई है। यही नहीं प्लास्टर भी उजड़ रहा है। बालिकाओं के सोने के लिए बेड तो है लेकिन उनमें से अधिकांश टूटे हैं। तीन साल से आरओ खराब पड़ा है। समर सेबल का पानी पीला एवं दूषित है। जिससे बच्चे दूषित पानी पीने के लिए विवश हैं। स्नान के लिए अंदर पानी नहीं है, जिससे खुले में लगे हैंडपंप पर बालिकाएं नहाती हैं। बाउंड्री वाल काफी नीची है। 12 शौचालय में 7 शौचालय ध्वस्त पड़े हैं। जल निकासी की व्यवस्था नहीं है। एसडीएम ने बताया कि बालिकाओं से उन्हें मिलने वाली वस्तुओं के बारे में जानकारी ली गई। उन्होंने बताया कि बालिकाओं से अलग बात करने पर पता चला कि भोजन में भारी पैमाने पर गड़बड़ी हो रही है। उन्होंने बताया कि मौके पर मात्र 59 बालिकाएं उपस्थित थीं। इस मौके पर सरिता सिंह, उर्मिला यादव, नीतू सिंह व अन्य मौजूद थे। उधर, एसडीएम तरबगंज जगदीश सिंह ने कस्तूरबा विद्यालय का निरीक्षण किया और मिली खामियों को दूर करने का निर्देश दिया
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