बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित परिषदीय स्कूलों में आग से बचाव के लिए अग्निशमन के यंत्र लगवाने का प्रावधान है। भवन निर्माण के बाद अग्निशमन के लिहाज से जरूरी उपकरणों और अन्य वस्तुओं को स्कूल में रखने का जिम्मा प्रधानाध्यापक का होता है। लेकिन वर्तमान शैक्षिक सत्र में अधिकांश परिषदीय स्कूलों में अग्निशमन यंत्रों का बुरा हाल है। कई स्कूलों में अग्निशमन यंत्र तो हैं लेकिन वह क्रियाशील नजर नहीं आते हैं जबकि कई स्कूलों में गुरुजनों के लापरवाह रुख के चलते अग्निशमन यंत्रों को लगाया नहीं गया है। गुरुजनों का लापरवाह रवैया नौनिहालों की जान के लिए खतरा साबित हो सकता है। परिषदीय स्कूलों में अग्निशमन यंत्रों की क्रियाशीलता को परखने के लिए विभागीय अफसरान फिलहाल शांत बैठे हुए हैं। गर्मी के सीजन में किसी भी विद्यालय में आग लगने जैसे अप्रिय वारदात की स्थिति में बचाव के इंतजाम न होने से नौनिहालों की जान खतरे में पड़ी हुई है। अफसरों के लापरवाह रवैये के चलते गुरुजन फिलहाल अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं। परिषदीय स्कूलों में अग्निशमन यंत्रों की क्रियाशीलता को परखने के लिए कोई कार्रवाई न किए जाने से स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी सुल्तानगंज सर्वेश कुमार यादव ने बताया कि अग्निशमन यंत्रों को क्रियाशील न करने वाले स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इस निधि से हो सकती है खरीदस्कूलों में अग्निशमन यंत्र खरीदने के लिए विद्यालय के विकास निधि से धनराशि को खर्च किया जा सकता है। विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों की रजामंदी से निर्धारित मानक के अनुसार अग्निशमन यंत्रों को खरीदा जा सकता है
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