जिले के परिषदीय स्कूलों की बदहाल शिक्षा को लेकर किए गए सवालों को बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन टाल गए। सत्र शुरू हुए महीना बीतने के बाद भी पाठ्य सामग्री न होने के सवाल पर जवाब था कि दो महीने में सब ठीक हो जाएगा। सरकार के चार साल बाद लगभग चुनावी अंदाज में उनका दावा था कि परिषदीय स्कूलों का कायाकल्प कर दिया जाएगा। कैसे इसका जवाब देने के लिए तो उनके पास वक्त नहीं था पर ये बताना नहीं भूले कि उन्होंने परिषदीय स्कूल में पढ़कर उच्च शिक्षा में टाप किया।अल्पसंख्यक सम्मेलन में शिरकत करने के बाद चलते समय पत्रकारों से मुखातिब अहमद हसन परिषदीय शिक्षा की दुर्दशा का सवाल होते ही चुनावी भाषण देने की मुद्रा में आ गए और बोले दो माह में परिषदीय स्कूलों का हाल बिल्कुल दुरुस्त कर दिया जाएगा। इन स्कूलों का एकदम कायाकल्प करा दिया जाएगा। इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। जहां जो भी कमियां होंगी उन्हें दूर करके बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाई जाएगी। बीच में सवाल हुआ कि कैसे तो उसको अनसुना कर बोलते रहे कि शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाने के लिए शिक्षकों की कमी नहीं पड़ने दी जाएगी। स्कूल चलो अभियान के तहत फर्जी और कम नामांकन के सवाल पर विभाग के अफसरों के बचाव में बोले, इन दिनों भीषण गर्मी है। जुलाई में नामांकन बढ़ जाएंगे। सत्र शुरू हुए एक महीना बीतने और अब तक न पाठ्य पुस्तकें मिलीं और न ही यूनीफार्म। इस पर वह फिर बोले, दो माह में परिषदीय स्कूलों की गाड़ी पटरी पर ला दूंगा। जुलाई में सभी बच्चों को पाठ्य पुस्तकें व यूनीफार्म उपलब्ध करा दी जाएगी। अंत में चलते चलते उन्होंने कहा कि अभी देखे जाइए वह बेसिक शिक्षा विभाग के लिए और क्या क्या करता हूं। पर वह यह भूल गए कि चुनाव के लिए तो अब कुछ ही महीने बाकी हैं
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