परिषदीय विद्यालयों के ग्रीष्मावकाश के बाद यहां पढ़ने वाले बच्चों की सेहत सुधरी नजर आएगी। हर बच्चे को सप्ताह में एक दिन पौष्टिक आहार के रूप में फल वितरित करने करने का निर्देश बेसिक शिक्षा विभाग को प्राप्त हो गया है। हर सोमवार को फल खिलाए जाएंगे। उस दिन अवकाश होने पर अगले शिक्षण दिवस में फल दिए जाएंगे। बच्चे को दिए जाने के वाले एक फल की कीमत चार रुपये अनुमानित की गई है। ग्रीष्मावकाश के बाद पहले सोमवार से योजना का क्रियान्वयन शुरू हो जाएगा।विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा एक से कक्षा आठ तक के बच्चों को दोपहर का भोजन कराए जाने का प्रावधान है। बच्चों को मानसिक तौर पर मजबूत बनाने के लिए शासन ने हर बुधवार को उन्हें दूध दिए जाने का आदेश जारी किया था। कुछ विद्यालयों में इसका पालन किया जाने लगा है तो कुछ विद्यालयों का स्टाफ अपनी जिम्मेदारी समझने का तैयार ही नहीं हैं और दूध का वितरण नहीं कर रहा है। बच्चों की सेहत सुधारने को शासन ने हर बच्चे को फल दिए जाने का आदेश दिया था, लेकिन विभाग को प्राप्त न होने की वजह से कुछ स्पष्ट नहीं था। अब विभाग को संबंधित निर्देश प्राप्त हो गए हैं। जिसके अंतर्गत बच्चों को अमरूद, केला, सेब, नाशपाती, चीकू, आंड़ू, संतरा, शरीफा आदि मौसमी व ताजे फलों का वितरण किया जाएगा। रविवार के अवकाश के बाद सोमवार के दिन बच्चों को विद्यालय की ओर आकर्षित करने की वजह से सोमवार के दिन का चयन किया गया है। विद्यालय पहुंचते ही बच्चों को फलों का वितरण कर दिया जाएगा, जिससे उन्हें पर्याप्त कैलोरी मिल सकेगी। विद्यालय में फलों को व्यवस्थित रुप से रखा जाएगा। छोटे आकार का फल होने पर फल की संख्या बढ़ाई जाएगी। एसएमसी के सदस्य भी इस दौरान उपस्थित रहेंगे। परिवर्तन लागत की तरह फल मद में धनराशि भेजी जाएगी। एमडीएम योजना की जिला समन्वयक हिना खान ने बताया कि निर्देश प्राप्त हो गए हैं। ग्रीष्मावकाश के बाद फलों का वितरण कराया जाएगा।कटे फलों का नहीं होगा वितरण, किसी भी प्रकार के संक्रामक रोग से बचाने के लिए बच्चों को कटे फल जैसे पपीता, तरबूज, खरबूज का वितरण नहीं किया जाएगा। साथ ही सड़े-गले फलों का वितरण नहीं होगा।
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