बेसिक व माध्यमिक स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता के लिए अब गुरुजी का भी टेस्ट होगा। परीक्षा में टॉप करने वाले शिक्षकों की ग्रेडिंग के हिसाब से सूची तैयार होगी। स्कूल की कक्षाओं में इन शिक्षकों का फोटो व नाम लगाया जाएगा। इस परीक्षा में फेल होने वाले शिक्षको को छह माह बाद फिर टेस्ट देना होगा। अफसरों के मुताबिक जुलाई से इस योजना पर अमल शुरू हो जाएगा।
नई व्यवस्था में छात्रों के साथ अब गुरुजी लोगों को भी अपने विषय पर पकड़ बनानी होगी। नहीं तो वह विभागीय टेस्ट में फेल हो सकते हैं। टेस्ट लेने के पहले अधिकारियों को स्कूलवार बच्चों से एक-एक विषय के बारे में पूछा जाएगा। जिस विषय में जो बच्चा कमजोर मिलेगा या फिर वो कहेगा कि इस विषय के अध्यापक पढ़ाते ही नहीं है। उन लोगों की सूची तैयार की जाएगी। जो पास होगा उनकी ग्रेडिंग तैयार की जाएगी।
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