छह शिक्षामित्रों ने अध्यापक बनने के लिये आवेदन किया था, लेकिन तीन बार काउंसिलिंग होने के बावजूद उनको ट्रेनिंग पर नहीं भेजा गया। इससे आहत शिक्षामित्रों के परिजनों ने मुख्यमंत्री व बेसिक शिक्षा मंत्री से आत्मदाह की अनुमति पत्र के माध्यम से मांगी है। छह में से एक शिक्षामित्र कुमार गौरव के पिता एसपी सिंह ने बताया कि सभी परिवारों को मिलाकर करीब 50 लोग हैं, जो आत्मदाह की अनुमति मांग रहे हैं। बताया कि पहले बच्चों के दस्तावेजों को फर्जी बताया गया, किसी तरह उनको सत्यापित कराकर दिया गया। बावजूद इसके अभी तक शिक्षामित्रों को ट्रेनिंग के लिए नहीं भेजा गया। आत्मदाह की अनुमति मांगने वाले परिजनों में से इस्लाम खां, सुरेश पाल सिंह, किशनलाल शर्मा, शीलेंद्र पाल सिंह, गुलाब सिंह, मुनीश कुमार गुप्ता ने प्रार्थना पत्र में हस्ताक्षर किए हैं। परिजनों ने कहा कि अगर उनके बच्चों को न्याय न दिया गया तो वो आत्मदाह करने को मजबूर होंगे। वहीं दूसरी ओर प्रभारी बीएसए हरिकिशोर सिंह ने बताया कि काउंसलिंग का मतलब ये नहीं होता कि नौकरी मिल गई। इन सभी के दस्तावेज संदिग्ध पाए गए थे। साथ ही गुरुकुल विश्वविद्यालय वृंदावन के प्रपत्र व दस्तावेज मान्य ही नहीं हैं। इसके चलते इनको शिक्षामित्र से भी अमान्य घोषित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि ये लोग न्यायालय भी गए थे। कहा जहां तक उनको जानकारी है कि वहां से भी इनको राहत नहीं मिली है
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