आल टीचर्स इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक रविवार को राबट्र्सगंज नगर स्थित दंडइत बाबा मंदिर परिसर में हुई। इसमें पुरानी पेंशन बहाली पर परिचर्चा हुई। जिलाध्यक्ष रविकांत सिंह मौर्य ने कहा कि एक तरफ राज्य सरकारें नागरिकों को कई तरह की पेंशन की सौगात दे रही हैं। वहीं सरकार की सेवा में अपनी पूरी उम्र गुजारने वाले शिक्षकों व कर्मचारियों को इससे वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन हमारा हक है और हम इसे लेकर रहेंगे। आज तक कोई भी संगठन प्रखर रूप से पुरानी पेंशन बहाली के लिए कभी आगे नहीं आया लेकिन उनके संगठन का एकमात्र उद्देश्य पुरानी पेंशन बहाल करवाना है। पुरानी पेंशन कोई भीख नहीं, यह शिक्षक व कर्मचारियों का हक है इसलिए पुरानी पेंशन व्यवस्था को सरकार को लागू करना ही होगा। जब देश के तीन राज्यों पश्चिम बंगाल, केरल व त्रिपुरा में आज भी पुरानी पेंशन व्यवस्था दी जा रही है, तो उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं, वर्तमान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी की सरकार बनने पर पुरानी पेंशन बहाल किए जाने का वादा किया था लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। श्री मौर्य ने पुरानी पेंशन बहाली को एक जन आंदोलन के रुप मे खड़ा करने का श्रेय अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु को दिया। बैठक में टीईटी संघर्ष मोर्चा से जुड़े शिक्षक व जिलाध्यक्ष संदीप तिवारी का सहयोग व समर्थन मिला। बैठक में मंजित, कामाख्या, गोपाल कुशवाहा, मनीष, अनिल, गुलाब चंद, राज मौर्या, कृष्णा शुक्ला, रंजना सिंह, राधेश्याम पाल, संजीव मौर्य, सुनील कुमार सिंह, संदीप सिंह, पंकज पांडेय सहित आदि लोग मौजूद थे।
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