सेटिंग और मोटी रकम लेकर शिक्षकों को उनके मनमुताबिक स्थानों पर अटैच करने का खेल अब नहीं चलेगा। बेसिक शिक्षा निदेशालय ने इस पर पाबंदी लगा दी है। यही नहीं तैनाती स्थल से इतर दूसरे स्थानों पर सम्बद्ध शिक्षकों को पुरानी स्थानों पर भेजने के निर्देश जारी किए हैं। नए सत्र से अगर किसी भी जिले में शिक्षक का दूसरे स्थानों पर सम्बद्ध मिले तो बीएसए नपेंगे। शिक्षा सचिव के इस निर्देश के बाद जिले में हड़कंप मचा हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग में अधिकारियों की मिलीभगत से दूर दराज के इलाके में तैनाती पाने वाले शिक्षक-शिक्षिकाएं अफसरों से सेटिंग कर शहर और कस्बों के नजदीक स्कूलों में सम्बद्ध करा लेते थे। इसमें बीएसए से लेकर बीईओ तक को चढ़ावा चढ़ाया जाता था। समय-समय पर इसकी शिकायत भी शासन स्तर पर पहुंचती थी। जिस पर शासन ने कई बार एतराज जताते हुए अफसरों को चेतावनी भी दी थी। आलम यह रहा कि जिले के सैकड़ों शिक्षक पिछले सत्र में सुविधा के अनुसार दूसरे स्कूलों पर अटैच रहे। मनमानी पर उतारू अफसरों पर शिकंजा कसने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक दिनेश चंद्र बाबू ने प्रदेश के सभी बीएसए को 28 मई फरमान जारी किया। जिसमें कहा कि परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की तैनाती स्कूल से अन्यत्र किसी सकूल या कार्यालय में सम्बद्ध किया जाए। यहीं नहीं पूर्व में यदि किसी शिक्षक का सम्बद्धीकरण किया गया है तो उसे समाप्त किया जाए। ताकि बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक स्कूल में उपलब्ध हो सके। इसके साथ ही कहा कि यदि ग्रीष्मकालीन छुट्टियां समाप्त होने के बाद किसी भी शिक्षक का सम्बद्धीकरण मिला तो बेसिक शिक्षा अधिकारियों पर कार्रवाई हागी
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