परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए शासन स्तर से खूब कवायद हो रही है। इसके बावजूद जुलाई में जब विद्यालय खुलेंगे तो बच्चों के बस्तों में न किताबें होंगी और न स्कूल में शिक्षक होंगे। पांच ब्लॉकों के शिक्षकों की ड्यूटी निकाय चुनाव के लिए बीएलओ में लगा दी है। इससे कई विद्यालय बंद हो जाएंगे।परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। शैक्षिक सत्र शुरू होने के बाद भी बच्चों के बस्ते में किताब नहीं आई हैं। ऐसे में शिक्षकों के भरोसे ही बच्चों की पढ़ाई थी, लेकिन अब शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के बजाए निकाय चुनाव के लिए बीएलओ का काम करेंगे। नगर क्षेत्र के अलावा एत्मादपुर, खंदौली, बिचपुरी, अकोला और बरौली अहीर के शिक्षकों को बीएलओ बनाया है। इनमें कई शिक्षक ऐसे हैं जो पहले से ही विधानसभा वार बीएलओ ड्यूटी दे रहे हैं। ड्यूटी लगाने से शिक्षकों में आक्रोश है। इसके लिए शनिवार को प्राथमिक शिक्षक संघ ने एसडीएम सदर को ज्ञापन देकर समस्याओं से अवगत कराया। जिलाध्यक्ष राकेश चाहर ने कहा कि बीएलओ ड्यूटी में विकलांग और गर्भवती शिक्षिकाओं की भी ड्यूटी लगा दी है। ज्ञापन देने वालों में जिलामंत्री हरिओम यादव, संदीप चौधरी, प्रवेंद्र जूरैल, सुखनेश आदि उपस्थित रहे। बंद होंगे सौ से ज्यादा विद्यालय शिक्षक नेता हरिओम यादव ने बताया कि शिक्षकों की ड्यूटी लगाने से देहात के ब्लॉकों में एकल शिक्षक वाले 100 विद्यालय बंद हो जाएंगे। इसके अलावा जुलाई में स्कूल चलो अभियान और नए छात्रों के नामांकन पर भी प्रभाव पड़ेगा।निकाय चुनाव के लिए शिक्षकों की बीएलओ ड्यूटी से ठप होगा शिक्षण कार्य
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