बेसिक शिक्षा विभाग में नियमों को ताख पर रख कर की गई 333 शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। पहले फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी पाने वाले एक शिक्षक ने इस्तीफा दिया था। अब एक शिक्षिका ने भी त्याग पत्र दे दिया। वहीं बुधवार देर शाम कुरावली विकास खंड के उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक रमेश यादव ने भी बीएसए कार्यालय में अपना त्याग पत्र सौंप दिया। फर्जीवाड़े में फंसे कई और शिक्षक भी इस्तीफा देने की तैयारी में हैं।सितंबर 2015 में जिले में गणित और विज्ञान के 333 शिक्षकों की नियुक्तियां तत्कालीन बीएसए हरकेश यादव ने की थीं। इन शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन करने में ही विभागीय अधिकारियों ने घोर लापरवाही बरती। बिना सत्यापन कराए ही शिक्षकों को नियुक्ति दे दी गई। यही नहीं, उनके वेतन और एरियर का भी भुगतान कर दिया गया। शिकायत पर जांच शुरू हुई, तो फर्जीवाड़ा सामने आ गया। अब तक 11 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी निकले हैं। इन्हें अब तक वेतन और एरियर के नाम पर 32 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। हालांकि फर्जीवाड़े की पुष्टि होने के बाद इन शिक्षकों का मई का वेतन रोक दिया गया है। फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद दो दिन पहले विकास खंड किशनी के उच्च प्राथमिक विद्यालय बसैत में तैनात शिक्षक राजकुमार ने इस्तीफा दे दिया था। अब उच्च प्राथमिक विद्यालय ब्रजपुर शास्त्री नगर की शिक्षिका राजकुमारी पत्नी प्रदीप कुमार ने मंगलवार देर शाम अपना इस्तीफा बीएसए कार्यालय में देकर रजिस्टर पर उसे अंकित कराया। फर्जीवाड़े में विभाग के बाबू की भूमिका फर्जी नियुक्ति के मामले में किसका हाथ है, इसकी पुष्टि फिलहाल नहीं हो पाई है, लेकिन विभाग के एक बाबू की ओर उंगलियां उठ रही हैं। बताते हैं कि इस बाबू के जरिए ही प्रमाण पत्रों का सत्यापन होता था। विभाग में चर्चा है कि सत्यापन न कराने का खेल भी यहीं से हुआ है।
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