फर्जी वाड़े में बर्खास्त शिक्षक शिक्षिकाओं पर अब शिकंजा कस गया है। आदेश के बाद भी विशिष्ट बीटीसी 2014 के बर्खास्त 66 मुन्ना भाइयों के विरुद्ध न एफआइआर दर्ज हुई और न ही हाल में ही पकड़े गए 15 शिक्षकों के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया। शासन से हुई सख्ती के बाद उन्हें बचाने वालों पर कार्रवाई की नौबत आ गई है। बीएसए ने सभी बीईओ को बर्खास्त इन सभी 81 शिक्षक शिक्षिकाओं के विरुद्ध तीन दिन में एफआइआर दर्ज करा उसकी प्रति मांगी है। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ। 72825 में हुए खेल में शामिल रहे शिक्षकों को बर्खास्त कर उनके विरुद्ध एफआइआर भी दर्ज कराई जा चुकी है। वहीं 2014 में बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी बैच में हुई भर्ती प्रक्रिया में भी काफी संख्या में फर्जी टीईटी अंक पत्र के आधार पर नौकरी करते पाए गए थे। सत्यापन में फर्जीवाड़े की पोल खुली और पहले चरण में 21 और दूसरे चरण में 45 शिक्षक शिक्षिकाओं के टीईटी अंक पत्र फर्जी निकले। 29 मार्च को तत्कालीन बीएसए ने सभी को बर्खास्त कर दिया था। वहीं 72825 भर्ती प्रक्रिया में भी 15 और शिक्षक शिक्षिकाओं के अंक पत्र फर्जी पाए गए। इनको भी बर्खास्त कर दिया गया था। पांच मई 2016 को इन सभी के विरुद्ध एफआईआर का भी आदेश जारी किया गया, लेकिन बर्खास्त हुए 66 और 15 अध्यापकों में किसी के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। शासन स्तर से भी समीक्षा की गई तो इसकी जानकारी सामने आई। बेसिक शिक्षा सचिव संजय सिन्हा ने भी सत्यापन में फर्जी मिलने वालों पर एफआईआर के कड़े निर्देश दिए गए थे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मसीहुज्जमा सिद्दीकी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को तीन दिन में सभी 81 बर्खास्त शिक्षकों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने का आदेश दिया है। बीएसए ने दर्ज कराई गई एफआइआर की प्रति भी मांगी है और ऐसा न करने वाले बीईओ के विरुद्ध कार्रवाई की चेतावनी दी है
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