इलाहाबाद : प्रदेश भर के परिषदीय स्कूलों में 15 हजार शिक्षक भर्ती के लिए शुक्रवार को भी काउंसिलिंग कराई गई। अधिकांश जिलों में गैर जिलों के अभ्यर्थियों के लिए गिनी-चुनी सीटें बची थी। वहीं इलाहाबाद में तय कार्यक्रम के
इतर 23 जून को भी काउंसिलिंग कराकर सामान्य, ओबीसी आदि की सीटें भर ली गईं। इससे अन्य जिलों से आए अभ्यर्थियों में खासी नाराजगी रही। बीएसए का कहना है कि यह काउंसिलिंग परिषद सचिव के निर्देश पर कराई गई।
डेढ़ बरस से चल रही 15 हजार शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया में कदम-कदम पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जून में पहली काउंसिलिंग 14 जून को कराई गई उसमें अधिकांश बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने नए एवं पुराने एक्सल डाटा को ठीक से मर्ज नहीं किया इससे कटऑफ गड़बड़ा गया। बाद में इसकी 17 जून को दोबारा काउंसिलिंग का आदेश हुआ। यही नहीं परिषद सचिव ने 21 जून को फिर से उसी जिले से प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को प्रथम वरीयता के आधार पर काउंसिलिंग कराने का आदेश जारी किया। सीटें रिक्त होने पर 24 जून को अन्य जिलों के अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग होगी। यह प्रक्रिया सभी जिलों में अपनाई गई और अधिकांश सीटें 21 जून तक भर गईं। अब चयनित अभ्यर्थियों को 28 जून को नियुक्ति पत्र बांटा जाएगा, लेकिन इसमें इलाहाबाद जिला अपवाद रहा। बताते हैं कि यहां पर सामान्य एवं ओबीसी की सीटें कुछ खाली थी, इसके लिए 23 जून को अलग से काउंसिलिंग कराकर उन्हें भर लिया गया। बीएसए जयकरन यादव का कहना है कि यह काम सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से आदेश लेकर किया है, क्योंकि 21 को जिले के अभ्यर्थी नहीं आ पाए थे और शासन के निर्देश हैं कि जिले से प्रशिक्षण पाने वालों को वरीयता दी जाए। शुक्रवार को रिक्त सीटों के सापेक्ष इलाहाबाद में काउंसिलिंग कराने पहुंचे युवाओं को उस समय निराशा हाथ लगी, जब उन्हें बताया गया कि एसटी की केवल पांच सीटें रिक्त हैं बाकी गुरुवार को सब भर गई हैं। कौशांबी के अनुज जायसवाल एवं मऊ के अभिजीत राय ने कहा कि यह कार्य यहां मनमाने तरीके से हुआ है, जब ऐसे ही सब कराना था तो समय सारिणी क्यों जारी की गई और यदि वह जारी हुई तो उसका अनुपालन क्यों नहीं हुआ। इसमें बड़े पैमाने पर धांधली हुई हैं और अफसर भी मिले हुए हैं।
डेढ़ बरस से चल रही 15 हजार शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया में कदम-कदम पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जून में पहली काउंसिलिंग 14 जून को कराई गई उसमें अधिकांश बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने नए एवं पुराने एक्सल डाटा को ठीक से मर्ज नहीं किया इससे कटऑफ गड़बड़ा गया। बाद में इसकी 17 जून को दोबारा काउंसिलिंग का आदेश हुआ। यही नहीं परिषद सचिव ने 21 जून को फिर से उसी जिले से प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को प्रथम वरीयता के आधार पर काउंसिलिंग कराने का आदेश जारी किया। सीटें रिक्त होने पर 24 जून को अन्य जिलों के अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग होगी। यह प्रक्रिया सभी जिलों में अपनाई गई और अधिकांश सीटें 21 जून तक भर गईं। अब चयनित अभ्यर्थियों को 28 जून को नियुक्ति पत्र बांटा जाएगा, लेकिन इसमें इलाहाबाद जिला अपवाद रहा। बताते हैं कि यहां पर सामान्य एवं ओबीसी की सीटें कुछ खाली थी, इसके लिए 23 जून को अलग से काउंसिलिंग कराकर उन्हें भर लिया गया। बीएसए जयकरन यादव का कहना है कि यह काम सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से आदेश लेकर किया है, क्योंकि 21 को जिले के अभ्यर्थी नहीं आ पाए थे और शासन के निर्देश हैं कि जिले से प्रशिक्षण पाने वालों को वरीयता दी जाए। शुक्रवार को रिक्त सीटों के सापेक्ष इलाहाबाद में काउंसिलिंग कराने पहुंचे युवाओं को उस समय निराशा हाथ लगी, जब उन्हें बताया गया कि एसटी की केवल पांच सीटें रिक्त हैं बाकी गुरुवार को सब भर गई हैं। कौशांबी के अनुज जायसवाल एवं मऊ के अभिजीत राय ने कहा कि यह कार्य यहां मनमाने तरीके से हुआ है, जब ऐसे ही सब कराना था तो समय सारिणी क्यों जारी की गई और यदि वह जारी हुई तो उसका अनुपालन क्यों नहीं हुआ। इसमें बड़े पैमाने पर धांधली हुई हैं और अफसर भी मिले हुए हैं।
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