📌 अंबेडकर विवि के फर्जीवाड़ों की कड़ी में नया मामला खुला है। बीकॉम और बीएड की फर्जी मार्कशीट के सहारे करीब 200 लोग आगरा जिले में ही सरकारी नौकरी कर रहे हैं। इनमें से एक मामला हिन्दुस्तान के हाथ लगा है। इसमें फर्जी छात्र को प्राइवेट बीकॉम दिखाया गया है। जबकि बीएड की मार्कशीट जनरेट की गई है।
📌मामला भूपसिंह पुत्र बिहारी लाल का है। इसके अभिलेखों के मुताबिक बीकॉम प्रथम वर्ष आरबीएस कॉलेज से प्राइवेट अभ्यर्थी के रूप में 2002 में किया है। जबकि इसकी मार्कशीट तीन नवंबर 2009 में जारी की गई है। यह हाथ की मार्कशीट है। रोल नंबर 20363 दिखाया गया है। बीकॉम द्वितीय वर्ष 2003 में डीएस कॉलेज अलीगढ़ से किया दर्शाया गया है। मार्कशीट दो जनवरी 2010 में जारी की गई है। जबकि रोल नंबर 50222 लिखा गया है। तृतीय वर्ष भी डीएस कॉलेज अलीगढ़ से 2004 में किया दर्शाया है।
इसकी मार्कशीट 18 जनवरी 2010 में जारी हुई है। इस साल का रोल नंबर 060440 है। जबकि बीएड मथुरा के राजीव अकादमी से 2005 में दिखाया गया है। इसमें उसे 800 में से 520 अंक दिए गए हैं। यह प्रथम श्रेणी की मार्कशीट है। बीएड का रोल नंबर 5104136 है। इसकी मार्कशीट भी देरी से जारी हुई है। अमूमन रिजल्ट तैयार होने के तुरंत बाद मार्कशीट जारी कर दी जाती है। सूत्रों के मुताबिक इसकी फर्जी मार्कशीट बनाई गई हैं। इसीलिए फर्जी छात्र के पास कोई पुरानी मार्कशीट नहीं है। अब यह व्यक्ति फतेहाबाद के एक प्राथमिक विद्यालयमें आराम से सरकारी नौकरी कर रहा है।
📌इस संबंध में प्रदीप कुमार (काल्पनिक नाम) ने डीएस कॉलेज अलीगढ़ की प्राचार्य डा. अंजना अग्रवाल से सूचनाधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। प्राचार्या ने 11 जून को इसका जवाब दिया है। इसमें कहा गया है कि *भूप सिंह पुत्र बिहारी लाल* नाम के किसी व्यक्ति ने उनके कॉलेज से 2003 में 5022 रोल नंबर और 2004 में 060440 रोल नंबर से बीकॉम तृतीय वर्ष की प्राइवेट परीक्षा नहीं दी है। यानि विवि के कलाकारों ने ही भूप सिंह की बीकॉम और बीएड की फर्जी मार्कशीट जनरेट की हैं।
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