शिक्षा क्षेत्र भीटी के 25 स्कूल ऐसे हैं, जहां पहुंचने के लिए सड़क नहीं है। ऐसे में नौनिहालों, शिक्षकों, अभिभावकों को खेत, मेड़, बाग से होकर स्कूल पहुंचना पड़ता है। भूस्वामियों द्वारा रास्ते बंद कर देने की स्थिति में शिक्षक-शिक्षिकाओं, बच्चों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है, लेकिन तालीम की राह में इस बाधा को दूर करने के लिए जिम्मेदार बेफिक्र हैं।उक्त शिक्षा क्षेत्र में 156 स्कूल है, दो तिहाई स्कूल ग्रामीणांचल में स्थित है। कहीं चकमार्ग, खड़ंजा तो कहीं पिच मार्ग है, लेकिन उच्च प्राथमिक रायगंज, पमोली, थरिया कला, गोपाल शाह का भीट, खरगपुर, दुल्लापुर, परियाएं में पहुंचने के लिए मार्ग नहीं है। चारपहिया वाहन दूर खड़ा कर पैदल अधिकारी को जाना पड़ता है। प्राथमिक स्कूलों पमोली, सेनपुर, महापारा, अतरौरा, खरगपुर, महमदपुर, थरियाखुर्द, चिउंटीपारा, करौंदी, सरैया, रानीपुर, गोशाईगं का पूरा, दुबाने का पूरा, सम्मनपुर छितौनिया के लिए पहुंच मार्ग नहीं है। बरसात व ठंडी के मौसम में बच्चों की पोशाक को पानी व ओस स्कूल पहुंचने से पूर्व की भिगो देती है, खेत के मेड़ों से गुजरने पर संबंधित किसान फसल खराब होने के बहाने बच्चों, अभिभावकों, शिक्षकों से विवाद होता रहता है। यह विवाद कभी-कभी मारपीट में भीबदल जाता है। स्कूल के लिए भूमि चयन के दौरान ग्राम प्रधान व अधिकारियों द्वारा इस बाधा के बारे में सोचा नहीं गया या जान बूझकर ऐसे स्थानों पर भवन का निर्माण कराया गया। कुछ प्रधानों ने समस्या केलिए पहल शुरू की है, लेकिन संबंधित गांवों में चकबंदी प्रक्रिया लागू होने के चलते समस्या बनी हुई है, जिसका खामियाजा बच्चों व शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। भीटी : खंड शिक्षा अधिकारी केपी सिंह ने बताया कि रास्ते के लिए ग्राम प्रधान के साथ संयुक्त प्रयास जारी है। चकबंदी विभाग के अधिकारियों व एसडीएम को लिखित रूप से अवगत कराते हुए स्कूल तक मार्ग बनवाये जाने की मांग की गई है। उक्त अधिकारियों ने सकारात्मक आश्वासन दिया है।
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