शिक्षा के अधिकार कानून के तहत जिले में गरीबों के बच्चों को निजी विद्यालयों में प्रवेश देने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। डीएम की संस्तुति के बाद चयनित बच्चों की सूची जारी हो गई। संबंधित विद्यालयों में समय से बच्चों का प्रवेश सुनिश्चित हो सके। इसके लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें जानकारी देंगे। जुलाई सत्र में पठन-पाठन के लिए महकमा ने पूरी तैयारी कर ली है। जिले में प्राथमिक स्तर के 1300 और जूनियर स्तर के लगभग 700 विद्यालय पंजीकृत हैं जबकि सीबीएसइ व आइसीएसइ बोर्ड से मान्यता प्राप्त विद्यालयों की संख्या लगभग 50 है। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत इन निजी विद्यालयों को गरीब के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देना अनिवार्य है। इसके तहत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा निजी विद्यालयों में अपने बच्चों को पढ़ाने की इच्छा रखने वाले अभिभावकों से आवदेन मांगा गया था। इसके बाद लगभग 450 लोगों ने नजदीकी विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने के लिए आवेदन पत्रों दिया था। जांच-पड़ताल के बाद जिलाधिकारी द्वारा 301 बच्चों के प्रवेश की स्वीकृति दी गई। इसके बाद सूची को अंतिम रूप देते हुए जारी की गई। इसमें नर्सरी के 151 और कक्षा एक के 150 बच्चे शामिल हैं।1 अनुमोदन के बाद जारी सूची में अभिभावकों ने सबसे अधिक सिटी पब्लिक स्कूल नाला धमरू, इंटर नेशनल पब्लिक स्कूल एलवल, टीनी टाट्स स्कूल एलवल, प्रतिभा निकेतन जूनियर हाईस्कूल अतलस पोखरा, सेंट जेवियर्स स्कूल एलवल, जीडी ग्लोबल करतालपुर को चुना है।चयनित बच्चों की सूची जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर चस्पा कर दी गई है। संबंधित विद्यालयों को सूची निर्गत हो गई है। प्रवेश प्रक्रिया जून से ही शुरू हो जाएगी। खंड शिक्षा अधिकारी व विभागीय कर्मचारी चयनित बच्चों के घर जाकर उन्हें जानकारी देंगे।
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