जुलाई से शुरू होने जा रहा शिक्षण सत्र बच्चों के लिए खुशखबरी लेकर आने वाला है। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को अब चूल्हे पर पका भोजन नहीं खाना पड़ेगा। गैस चूल्हे पर पका भोजन ही परोसा जाएगा। इसके लिए शासन स्तर से प्रति विद्यालय 5261.70 रुपये की धनराशि निर्धारित की गई है। 1शासन ने धनराशि से एलपीजी सिलेंडर क्रय करने संबंधी आदेश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिए हैं। शासन स्तर से व्यवस्था की गई है कि परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिड-डे मील योजना के तहत दोपहर का भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए बाकायदा मैन्यू भी निर्धारित किया गया है। लेकिन, स्थिति यह है कि ज्यादातर स्कूलों में सुविधाओं के अभाव में चूल्हे पर लकड़ी जलाकर भोजन पकाया जाता था। जिससे धुआं होने के कारण बच्चों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता था। इस अव्यवस्था को दूर करने के लिए अब शासन ने पहल की है। मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण के वित्त सचिव कुंवर डीबीबी सिंह ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजे पत्र में कहा है कि हर हाल में जुलाई माह में जिले के सभी स्कूलों में एलपीजी कनेक्शन के इंतजाम करा लिए जाएं। इसके लिए धनराशि भी स्वीकृत कर दी गई है। जुलाई से प्रारंभ होने वाले शिक्षा सत्र में स्कूलों में पकने वाला भोजन गैस चूल्हे पर ही पकाया जाएगा। इतना ही नहीं, आदेश पत्र में यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि खुले में भोजन पकाने की व्यवस्था को भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी स्कूलों में किचन शेड बनवाया जाएगा। प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भारती शाक्य का कहना है कि धनराशि प्राप्त होते ही एलपीजी कनेक्शनों की व्यवस्था भी कराई जाएगी। चूल्हे पर खाना बनाने को पूरी तरह से प्रतिबंधित करा दिया जाएगा।
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