सत्यापन के फेर में वेतन के लिए दर दर भटक रहे शिक्षक शिक्षिकाओं पर छाए संकट के बादल छटते नजर आ रहे हैं। शासन ने इस पर कड़ा रुख अख्तियार किया है और सत्यापन में किसी भी तरह की लापरवाही पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।परिषदीय विद्यालयों में नवनियुक्त शिक्षक शिक्षिकाएं वेतन के लिए दर दर भटक रहे हैं। महीनों बीत जाने के बाद भी उन्हें एक पैसा नसीब नहीं हुआ। सत्यापन के चक्कर में वह भटक रहे हैं। कहीं बोर्ड और कहीं विश्वविद्यालय और फिर बीएसए कार्यालय के चक्कर काट रहे। कुछ का काम हो गया तो सैकड़ों परेशान हैं। जागरण ने भी मुद्दा उठाया। जिला स्तर पर तेजी से कार्रवाई भी शुरु हुई लेकिन अब तो शासन ने भी इसे गंभीरता से लिया है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजे गए फरमान में सत्यापन में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त न होने की बात कही है। सचिव ने बताया कि सत्यापन आते ही शिक्षक शिक्षिका का वेतन जारी कर दिया जाए और अगर कहीं पर शोषण की बात सामने आई तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं दूसरी तरफ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मसीहुज्जमा सिद्दीकी ने बताया कि जिला स्तर पर तेजी से काम चल रहा है। उन्होंने बताया सत्यापन आते ही एक सप्ताह में वेतन प्रक्रिया पूरी कर ली जाती है। बीएसए ने बताया कि करीब 300 के वेतन आदेश जारी कर दिए गए हैं और नाम मात्र ही संख्या बची हुई है।
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