प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए चुनिंदा सौ शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रत्येक ब्लाक से 10-10 शिक्षक चुने गए हैं। ये शिक्षक 'मास्टर ट्रेनर' कहलाएंगे। वे अपने-अपने ब्लाक के शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें मुख्य रूप से 'शिक्षागृह' साफ्टवेयर का प्रशिक्षण दिया जाएगा। डीएम विजय किरण आनंद भी शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे।
एक जुलाई से 'शिक्षागृह' साफ्टवेयर का संचालन शुरू हो जाएगा। साफ्टवेयर का उपयोग शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किया जाएगा। साफ्टवेयर में सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों और छात्रों का विवरण (बेसिक प्रोफाइल) दर्ज किया गया है। इसकी अलग से सीडी तैयार की गई है। प्रत्येक छात्र और शिक्षक को अलग-अलग कोड दिया जाएगा।
शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की पहल जिलाधिकारी ने खुद की है। इसके लिए उन्होंने कुछ विशेषज्ञ भी तैयार किए हैं। पिछले दिनो जिला शिक्षा समिति की बैठक में यह तय हुआ था कि शिक्षकों को इस बात का प्रशिक्षण दिया जाए कि कैसे वे तैयार होकर क्लास में जाएं। कक्षा में पढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखें कि सबसे कमजोर विद्यार्थी कितना समझ रहा है। उसके अभिभावकों से भी बात करें। ऐसे बच्चों पर लागातार नजर रखें।
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