अब बच्चों की तरह गुरुजी भी परीक्षा देंगे। ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद जब विद्यालय खुलेंगे, तो शिक्षकों को कक्षा पढ़ाने से पहले उन्हें टेस्ट की अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा। पहले चरण में जिले के लगभग 5,500 शिक्षक-शिक्षिकाएं इसमें भाग लेंगे। टेस्ट से गायब रहने वाले शिक्षक का वेतन रोक दिया जाएगा। खंड शिक्षा अधिकारियों से इस संबंध में सूची तैयार कर देने को कहा गया है। बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने और बंक मारने की आदत पर नकेल कसने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नई पहल की है। इस पहल में जनपद के सभी परिषदीय स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को टेस्ट देना होगा। टेस्ट का उद्देश्य यह होगा कि अधिकतर विद्यालयों में कोर्स पूरा नहीं होता है और बच्चे बिना कोर्स के ही परीक्षा देते हैं। इस व्यवस्था को सुधारने के लिए बीएसए प्रत्येक शिक्षक का जुलाई में विद्यालय खुलने के बाद टेस्ट कराएंगे। टेस्ट दिलाने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी सभी प्रधानाध्यापकों से रिपोर्ट लेंगे कि किस विद्यालय में कितने टीचर हैं और कौन किस किस कक्षा को पढ़ाता है। उसके हिसाब से सूची तैयार होगी और खंड शिक्षा अधिकारी उनको कोर्स में से ही पेपर तैयार करेंगे। उस पेपर को शिक्षकों को हल करना होगा। परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन खंड शिक्षा अधिकारी और एबीआरसी करेंगे। इसके बावजूद जरूरत पड़ी तो एनपीआरसी से भी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करा सकते हैं।
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