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Friday, June 3, 2016

गोरखपुर : दो स्वर्गीय शिक्षकों को नियमित वेतन भेज रहा शिक्षा विभाग, चार हजार मृतकों को मिल रहा पेंशन

चार हजार से अधिक ऐसे लोगों के खाते में वृद्धावस्था पेंशन जा रही थी जिनकी काफी पहले मौत हो चुकी है। शासन के निर्देश पर की गई जांच में इसकी पुष्टि हुई है। अब इन सभी के नाम सूची से हटाने की तैयारी शुरू हो गई है।शासन की योजनाओं का लाभ पा रहे लोगों की जांच-पड़ताल में कितनी चूक होती है इसका नमूना समाज कल्याण विभाग में सामने आया है। जिले में वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ तकरीबन 68 हजार से लोग उठा रहे थे। कुछ लोगों ने शिकायत की थी कि वृद्धावस्था पेंशन मामले में कई गड़बड़ियां हैं। शासन ने इसकी जांच कराने का निर्देश दिया था। शासन के निर्देश पर कराई गई जांच में यह बात सामने आई है कि 4 हजार से अधिक ऐसे लोग थे जिनकी मौत हो चुकी है बावजूद इसके उनके बैंक खातों में पेंशन की राशि जा रही है। अब ऐसे बैंकखातों की सूची तैयार कर उन्हें हटाने की कवायद शुरू हो गई है।
शिक्षकों की उपस्थिति का सत्यापन खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा किया जाता है। वेतन बिल का सत्यापन भी वे ही करते हैं। उसके बाद ही शिक्षकों के खाते में वेतन भेजा जाता है। बीईओ ने मृत शिक्षकों की सूचना अपडेट नहीं कराई। यही वजह है कि मृतक शिक्षकों के खाते में वेतन भुगतान होता रहा। अलोक कुमार राय, वित्त एवं लेखाधिकारीबेसिक शिक्षा विभाग
शिक्षकों के खाते में लेखा विभाग वेतन भेजता है। सात और नौ माह पहले मृत शिक्षकों के बैंक खाते में कैसे वेतन भुगतना होता रहा, यह लेखाधिकारी ही बता पाएंगे। वैसे यदि वेतन भेजा गया है तो उसकी रिकवरी कराई जाएगी।ओपी यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी
शिक्षकों की उपस्थिति का सत्यापन खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा किया जाता है। वेतन बिल का सत्यापन भी वे ही करते हैं। उसके बाद ही शिक्षकों के खाते में वेतन भेजा जाता है। बीईओ ने मृत शिक्षकों की सूचना अपडेट नहीं कराई। यही वजह है कि मृतक शिक्षकों के खाते में वेतन भुगतान होता रहा। अलोक कुमार राय, वित्त एवं लेखाधिकारीबेसिक शिक्षा विभाग
शिक्षकों के खाते में लेखा विभाग वेतन भेजता है। सात और नौ माह पहले मृत शिक्षकों के बैंक खाते में कैसे वेतन भुगतना होता रहा, यह लेखाधिकारी ही बता पाएंगे। वैसे यदि वेतन भेजा गया है तो उसकी रिकवरी कराई जाएगी।ओपी यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी
शिक्षकों की उपस्थिति का सत्यापन खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा किया जाता है। वेतन बिल का सत्यापन भी वे ही करते हैं। उसके बाद ही शिक्षकों के खाते में वेतन भेजा जाता है। बीईओ ने मृत शिक्षकों की सूचना अपडेट नहीं कराई। यही वजह है कि मृतक शिक्षकों के खाते में वेतन भुगतान होता रहा। अलोक कुमार राय, वित्त एवं लेखाधिकारीबेसिक शिक्षा विभाग
शिक्षकों के खाते में लेखा विभाग वेतन भेजता है। सात और नौ माह पहले मृत शिक्षकों के बैंक खाते में कैसे वेतन भुगतना होता रहा, यह लेखाधिकारी ही बता पाएंगे। वैसे यदि वेतन भेजा गया है तो उसकी रिकवरी कराई जाएगी।ओपी यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी
गोरखपुर धर्मेन्द्र मिश्रबेसिक शिक्षा विभाग में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। सात माह पहले अलग-अलग दुर्घटना में दो शिक्षकों की मौत हो गई। बावजूद इसके विभाग उनके बैंक खाते में हर महीने वेतन भुगतान करता रहा। एक गोपनीय शिकायत से मामला उजागर होने पर आनन-फानन में मई में वेतन रोका गया। अब बीएसए और लेखाधिकारी गला बचाने के लिए एक दूसरे के मत्थे जिम्मेदारी डाल रहे हैं।मामला यह है कि कौड़ीराम ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय मलाव द्वितीय में तैनात शिक्षक नवीन चंद मल्ल की सितम्बर-15 में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। सूचना मिलने के बाद विभाग के अधिकारी और शिक्षक संगठन के नेता भी दुर्घटना स्थल पर पंहुच थे। सूत्रों के मुताबिक एक माह का वेतन रोका गया। उसके बाद विभाग द्वारा वेतन रेगुलर कर दिया गया। विभाग के लिपिकों व कुछ शिक्षक नेताओं की मिलीभगत से वेतन जारी होने का सिलसिला अप्रैल-16 तक चला। हालांकि शिक्षक की पत्नी भी एक परिषदीय स्कूल में सहायक अध्यापक हैं। वहीं कौड़ीराम ब्लाक के ही पूर्व माध्यमिक विद्यालय सोनवापार के शिक्षक रामप्रकाश की मौत जुलाई-15 में हो गई। उनके परिजनों ने विभाग को समय से सूचना भी दे दी। सूत्रों के मुताबिक बीएसए दफ्तर ने एक माह का वेतन रोकने के बाद अगले माह फिर उसे रेगुलर कर दिया। इस मृतक शिक्षक के बैंक खाते में भी हर महीने वेतन भेजने का सिलसिला अप्रैल तक जारी रहा। मई के पहले सप्ताह में मामला खुलने के बाद आनन-फानन में अप्रैल के वेतन बिल से शिक्षक का वेतन रोका गया। सूत्रों के मुताबिक दोनों मामलों में खण्ड शिक्षा अधिकारी की भूमिका संदेह के घेरे में है।————विभाग में फर्जीवाड़ा कराने वाला गिरोह सक्रियविभागीय सूत्रों के मुताबिक कौड़ीराम और खजनी ब्लाक में एक गिरोह सक्रिय है। लेखा विभाग के लिपिकों की मिलीभगत से यह गिरोह तरह-तरह का फर्जीवाड़ा करता है। दोनों मृतक शिक्षकों के मामले में भी वेतन बंटवारे का सौदा हुआ था। सूत्रों का कहना है कि पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। बावजूद लिपिकों की कारस्तानी जारी है।दो माह तक दोगुना वेतन मिला शिक्षिका कोखजनी ब्लॉक के एक प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षिका के बैंक खाते में दो माह तक दोगुना वेतन जारी होता रहा। मामला पकड़ में आने के बाद अब रिकवरी की तैयारी चल रही है। बताया जा रहा है कि महिला शिक्षिका के खातें में उसके वेतन के साथ ही नई नियुक्ति दर्शाकर मार्च व अप्रैल माह में वेतन भुगतान किया गया। वह भी पुरुष शिक्षक बनाकर। शिक्षिक ने कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई। मई माह के वेतन बिल की जांच के दौरान एक अधिकारी ने मामला पकड़ा। बीईओ का वेतन भी दूसरे के खाते में भेजाबीएसए दफ्तर के लेखा विभाग की एक और कारस्तानी सामने आई है। चरगांवां की खण्ड शिक्षा अधिकारी प्रभावती देवी का अप्रैल का वेतन लेखा विभाग ने दूसरे के खाते में भेज दिया है। मामला खुलने के बाद अधिकारी अब वेतन वापस मंगाने की तैयारी कर रहे हैं। लेखाधिकारी आलोक कुमार राय कहना है कि है बीईओ ने पत्र लिखकर जानकारी दी है। जल्द ही मामला सुलझा लिया जाएगा।

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