शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़े के खेल ने खौफ पैदा कर दिया है। जगह जगह फूंक फूंक कर कदम रखा जा रहा है। यही कारण है कि 72825 शिक्षकों की भर्ती में चयनितों के शैक्षिक अभिलेखों की फी¨डग होने के बाद फिर नए ढंग से फी¨डग कराई जा रही है। जिसमें अभिलेखों का रंग तक मिलाया जा रहा है। बीएसए का कहना है अभिलेखों का व्यवस्थित कंप्यूटरीकरण कराया जा रहा है।परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक शिक्षिकाओं की भर्ती में जमकर खेल हुआ। विशिष्ट बीटीसी 2014 में भी फर्जीवाड़ा हुआ और 66 पकड़ में आए लेकिन 72 825 में तो रिकार्ड ही टूट गया। टीईटी अंक पत्रों में नाम किसी का तो रोल नंबर किसी का निकला और तो और सत्यापन में ऐसे भी नाम सामने आए जोकि टीइटी उत्तीर्ण तक नहीं थे। हालांकि सत्यापन में पोल खुली और सभी को बर्खास्त कर दिया गया। पूर्व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यकाल में कार्रवाई हुई, अभिलेखों का सत्यापन अभी भी हो रहा है। अब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मसीहुज्जमा सिद्दीकी ने चयनितों के अभिलेखों की फिर से फी¨डग का आदेश दिया है जिसके बाद से युद्ध स्तर पर फी¨डग का काम चल रहा है। हाई स्कूल से लेकर स्नातक और बीएड व टीईटी तक का पूरा ब्योरा फीड किया जा रहा है और तो और शैक्षिक अभिलेखों के रंग का भी मिलान हो रहा है। जैसे कि हाई स्कूल या इंटर के अंक पत्र और मार्कशीट में कोई अंतर तो नहीं आदि बारीकी से देखा जा रहा है। बीएसए श्री सिद्दीकी न बताया कि फी¨डग का सामान्य कार्य चल रहा है। ताकि कभी जरुरत पड़ने पर बिना देरी के आसानी से अभिलेख देखे जा सकें।
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