ईंट भट्ठों पर काम करने वाले परिवारों के बच्चों की जीवन शैली में सुधार आने की फिर उम्मीद जागी है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंची शिकायतों पर अब आयोग के फरमान पर शिक्षा की विशेष योजना बनाई जा रही है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भट्टों और वहां पर रहने वाले परिवारों का ब्योरा जुटाने का आदेश दिया गया है।1शिक्षा का अधिकार अधिनियम में हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार है। भट्ठों पर काम करने वाले परिवारों के लिए तो विशेष कार्यक्रम चलाए जाते हैं। वैकल्पिक शिक्षा में विशेष केंद्र चलते थे लेकिन धीरे धीरे यह सब बंद होता जा रहा है। बच्चों को उनका हक नहीं मिल पा रहा और तो और वहां पर रहने वाले परिवारों के बच्चों को उनके मूलभूत अधिकार तक नहीं मिल पाते हैं। भट्टों पर काम करने वाले परिवारों के बच्चों की शिक्षा को लेकर कुछ शिकायती राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंची जिस पर आयोग ने कड़ा रुख अख्तियार किया और उसी पर अब सर्व शिक्षा अभियान में विशेष योजना बनाई जा रही है। राज्य परियोजना निदेशक की तरफ से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजे गए आदेश में कहा कि बीएसए जिले वाणिज्यकर विभाग से भट्टों का नाम और उनका पूरा विवरण एकत्रित करें और वहां के परिवारों व बच्चों की संख्या और शिक्षा व्यवस्था भी जुटाई जाए। निदेशक ने बताया कि सूची व व्यवस्था राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी भेजी जाएगी
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