परिषदीय विद्यालयों में छात्र-छात्रओं का नामांकन कराकर लाभ उठाने का खेल अब नहीं चलेगा। हर विद्यालय में छात्र नामांकन का परीक्षण कराया जाएगा। इसके आधार पर ही विद्यालयों में शिक्षक-शिक्षिकाओं की तैनाती की जाएगी। परीक्षण रिपोर्ट में विद्यालयों के नामांकन की वास्तविक रिपोर्ट से बीएसए के संतुष्ट होने पर ही योजनाओं से बच्चों को लाभान्वित किया जाएगा। किसी विद्यालय में फर्जी नामांकन पाया जाता है तो संबंधित प्रधानाध्यापक, खंड शिक्षा अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। बीएसए स्तर से कोई गलती होने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों का फर्जी नामांकन दर्शाकर मध्यान्ह भोजन, यूनीफार्म वितरण आदि योजनाओं का लाभ लेने वाले लोगों की शिकायतें शासन तक पहुंची हैं। जिसपर बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा ने विद्यालयों में छात्र-छात्रओं के वास्तविक नामांकन का परीक्षण कराने के आदेश दिया है। जिसके बाद न तो मध्यान्ह भोजन में खेल होगा और न ही फर्जी नामांकन के आधार पर यूनीफार्म की धनराशि में धांधलेबाजी हो सकेगी। आदेश में कहा गया है कि वास्तविक नामांकन की जानकारी करके ही जरुरत के हिसाब से शिक्षक-शिक्षिकाओं की तैनाती की जाएगी। बच्चों के लिए संचालित योजनाओं का बीएसए खुद परीक्षण करेंगे। विद्यालय के वास्तविक नामांकन के आधार पर ही बजट जारी किया जाएगा। बच्चों की ज्यादा संख्या होने पर कम शिक्षक और कम नामांकन होने पर ज्यादा शिक्षक-शिक्षिकाओं की तैनाती मिलने पर खंड शिक्षा अधिकारियों व प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक को जिम्मेदार माना जाएगा। बीएसए स्तर से कमी पाई जाने पर बीएसए पर कार्रवाई अमल में लाए जाने की चेतावनी दी गई है। बीएसए प्रेमचंद यादव ने बताया कि सोमवार को आदेश प्राप्त हो गया है। शिक्षकों की जरूरत वाले विद्यालयों की सूची तैयार की गई है। नई भर्ती के अभ्यर्थियों की तैनाती इन्हीं विद्यालयों में की जाएगी। विद्यालय खुलने के बाद नामांकन का परीक्षण कराया जाएगा।
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